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निष्पक्षता पूर्ण नही हुई जांच, तो दाखिल होगी जनहित याचिका


प्रतापगढ(प्रमोद श्रीवास्तव) सांगीपुर ब्लाक में मनरेगा के तहत करोड़ों रुपये का कार्य कागज पर कराकर घोटाले को अंजाम दिया गया है। दूसरी बार जांच के आदेश से जिलास्तरीय अधिकारियों से लेकर ब्लाक कर्मचारियों में हड़कंप का माहौल है तो कई ग्राम पंचायतों में प्रधान व बीडीसी के बीच बिना काम के पैसा गड़प करने को लेकर तनातनी का माहौल है।
तीन माह पूर्व जिलाधिकारी ने शिकायत पर कई टीम गठित कर ब्लाक की सभी ग्राम पंचायतों की हकीकत खंगाली थी। जांच में ऊंचे रसूख के चलते जांच अधिकारियों ने आरोपियों के पक्ष में रिपोर्ट लगाकर सब कुछ ओके दिखा दिया।
इधर सूबे की सत्ता बदलने की आहट से अपने को घोटाले की आंच से बचाने के लिए ब्लाक के कैशियर कृष्णचंद्र शुक्ल ने जिलाधिकारी को अपना इस्तीफा सौंपते हुए करोड़ों के घोटाले का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की। कैशियर के इस्तीफे से क्षेत्र में हड़कंप का माहौल है। आमजन ब्लाक में हुए घोटाले की निष्पक्षता पूर्वक जांच कराये जाने की आस लगाये हुए हैं।कई ग्राम पंचायतों में घोटाले को लेकर प्रधान व बीडीसी के बीच तनातनी का माहौल भी है।
ग्राम पंचायतों में पहले से बने चकरोड खड़जां व अन्य कार्यों पर बार बार भुगतान कराया गया है। ग्रामीणों की शिकायत है कि पिछली बार जांच में आये अधिकारियों ने किसी पूंछतांछ नही की थी। पूरे मुरली समेत कई गांवों में प्रधानों की फजीहत भी हो चुकी है।

डभियार के अखिलेश मिश्र का कहना है कि घोटाले की निष्पक्ष जांच करायी जानी चाहिए। कैशियर द्वारा घोटाले को लेकर दिया गया इस्तीफा बडी बात है। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन ठीक से जांच नही करेगा तो वे मुख्यमंत्री से मिलकर जांच की मांग करेंगे और उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करेंगे।

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