Ads (728x90)

मीरजापुर। रंगो का पर्व होली जनपद में धूमधाम एवं परम्परागत ढंग से मनाया गया। होली के दिन सुबह होते ही जहां बच्चों की टोलियां अपने घरों से रंग बिरंगे रंगो के साथ निकली वहीं सूरज चढ़ने के बाद लोग मैदान में कूद पड़े। इस दिन जहां लोग किसी को देखते आपसी बैर व भेदभाव भूल हाथों में रंग ले लोगों को दौड़ा लेते रहे। रंगो से बचने के लिए कुछ तो घरों में ही दुबके रहे। यह स्थित न सिर्फ शहरों की बनी रही बल्कि ग्राम्यांचलो की देखी गयी। शहर में तो होली का हुड़दंग देखने लायक रहा। रंगो से सरोबोर लोगों की टोलियां सड़क से लेकर गलियों में दौड़ती रही। रंगो में जहां लोग रंग बिरंगे रंगो का प्रयोग कर रहे थे वहीं कालिख व बार्निश भी पोतना नहीं भूल रहे थे। कहीं-कहीं तो ऐसे रंगो को लेकर लोग अपनी न सिर्फ नाराजगी दर्शा रहे थे बल्कि मारपीट पर आमादा हो जा रहे थे पर लोगों के द्वारा यह कहा जा रहा था कि बुरा न मानों होली है यह सुनकर लोग मुस्करा कर चूप हो जाया करते थे। विंध्याचल संवाददाता के अनुसार, आस्थाधाम स्थित विंध्याचल में होली का पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया। इस मौके पर आस्थाधाम विंध्याचल, बंगाली का चैराहा, अमरावती चैराहा, शिवपुर, अष्टभुजा, कंतित के अलावा अन्य स्थानों पर शांतिपूर्वक ढंग से होली का त्योहार मनाया गया। जिगना संवाददाता के अनुसार, रंगो का पर्व होली क्षेत्र मंे हर्षोल्लास एवं परम्परागत ढंग से मनाया गया। जिगना, हरगढ़, नर्रोईया, खैरा, श्रीनिवासधाम, बिहसड़ा बाजार, विजयपुर, कामापुर, रामपुरघाट, गैपुरा बाजार में धूमधाम के साथ होली मनाई गयी। पड़री, चुनार, सीखड़, मझवां संवाददाता के अनुसार क्षेत्र में कुछ छीटपुट घटनाओं को छोड़ कर होली का पर्व शांति पूर्वक ढंग से मनाया गया।

कहीं नौटंकी तो कही हुआ आरकेस्ट्रा का आयोजन


मीरजापुर। होली पर्व पर जनपद के विभिन्न स्थानों पर परम्परागत ढंग से कहीं नौटंकी के आयोजन तो कहीं पर आरकेस्ट्रा पार्टी का आयोजन किया गया। ज्ञात हो कि होली की पूर्व संध्या पर होलिका जलने वाले दिन ग्राम्यांचलों में नौटंकी पार्टी का आयोजन किया गया था। पूरी रात नौटकी एवं आरकेस्ट्रा आयोजन का आनन्द उठाने के बाद सुबह लोगों के द्वारा जमकर होली खेली गयी दोपहर बाद लोग स्नान करने के बाद नये परिधान पहन कर हाथों मंे अबीर व गुलाल ले निकल एक दूसरों के माथे पर पोत होली की बधाईयां दी गयी।

गुझियां का लोगों ने उठाया लुफ्त

मीरजापुर। होली पर लोगों ने जमकर गुझिया का आनन्द उठाया। अपने चीर-परिचितो के यहां पहुंचने पर सामने गुझियां और पापड़ के साथ चिप्स पहुंच रहा था। यह स्थिति न सिर्फ शहरों में बल्कि ग्राम्यांचलो में भी देखा गया।

चला ठंडई का दौर

मीरजापुर। होली पर अधिकांश स्थानों पर भांग के साथ ठंडई का दौर चला। ठंडई व भांग के नशे में अलमस्तो की टोलिया भाग गीत गाते हुए होली की घूम-घूम कर बधाईयां दी जा रही थी। अबीर व गुलाल से सराबोर हो ऐसे लोगों की दशा तो देखने लायक थी।

Post a Comment

Blogger