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मीरजापुर। वर्तमान समय सरकार के द्वारा लाख जतन किये जाने के बावजूद देश में सैकड़ो व्यक्तियों की मौते दवा के अभाव में हो रही है। उक्त बातें युवा अधिवक्ता विनोद कुमार सिंह ने सोमवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति में कही। श्री सिंह ने कहा कि दवायें हैं भी तो इतनी महंगी कि उसे किसी गरीब के खरीदने का बस में नहीं। परिणामस्वरुप कईयों को अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ जाता है। उन्होने कहा कि जान कर हैरानी होगी कि अधिकांश डाक्टर कमीशनबाजी के चक्कर में ब्राण्डेड दवायें लिखते हैं जबकि वही दवा जेनेटिक दुकानों से वैसी ही दवा उतने ही पावर के बीस से पचास गुना सस्ती होती हैं। परन्तु डाक्टर कभी भी जेनेटिक दवाएं नहीं लिखता। ज्ञात हो कि कैंसर की ब्राण्डेड कम्पनी की बनी दवा एक लाख से सवा लाख की मिलती है वही दवा जेनेटिक दुकान से महज छह हजार रुपये में प्राप्त होती है। इसी प्रकार से सुगर की बीमारी में प्रयोग होने वाली दवा 107 रुपये में दस गोलियां मिलती हैं वही सुगर की दवा जेनेटिक दुकानों से महज एक रुपये 92 पैसे में प्राप्त हो रही है। जो दस से बीस गुना अधिक है। उन्होंने कहा कि हमारे देश का दुर्भाग्य है डाक्टर अपने लाभ के चक्कर में जेनेटिक दवाएं न लिखकर ब्राण्डेड कम्पनियों का लिख रहे हैं। श्री सिंह ने कहा कि दवाओं के इस खेल में प्रत्येक दिन पैसे के अभाव में दवाएं न खरीदने वाले कई रोगियों की मौते हो रही हैं। अधि वक्ता ने कहा कि इस मामले में सरकार को कड़े कदम उठाये जाना चाहिए।

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