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मुंबई: बेस्ट उपक्रम यह महापालिका के अंतर्गत का उपक्रम है. बेस्ट उपक्रम यह फिलहाल घाटे में है बेस्ट का अर्थसंकल्प स्वतंत्र न करते हुवे वह महापालिका के अर्थसंकल्प के साथ किया जाए यह मांग की जारही है.
बृहन्मुंबई विद्युत व परिवहन विभाग का अर्थसंकल्प स्वतंत्र किया जाता है. फिलहाल, बेस्ट की इस अर्थसंकल्प को महापालिका की स्थायी और महापालिका सभागृह की मंजुरी आवश्यक है. सन २०१७-१८ का लगभग ५५० करोड रुपये घाटे का अर्थसंकल्प बेस्ट समितीने मंजूर कवाकर स्थायी समिती की मंजूरी के लिए भेजा था. फिलहाल यहा यह अर्थसंकल्प दप्तरी दाखल किये जाने के बाद महापालिका सभागृह ने भी घाटे का अर्थसंकल्प होने के चलते वह लौटा दिया गया था. फिलहाल बेस्ट उपक्रम घाटे में चल रही है और लगभग ४४ हजार कर्मचारियो की तनखाह अभी तक नही दी गयी है. तनखाह के लिए बेस्ट उपक्रम बार बार वारंवार बँकांकडून उचल घेत असते. मुंबई महापालिका भी बेस्ट को आर्थिक मदत करती है. परंतु घाटे जाने वाली बेस्ट की आर्थिक स्थिती सक्षम करने के लिए कदम बढ़ाने का समय आया है.
केंद्र सरकार की मुख्य अर्थसंकल्प में रेल्वे का अर्थसंककल्प अंतर्भूत करकर एक साथ पेश किया गया था . उसी के आधार पर महापालिका के मुख अर्थसंकल्प के साथ बेस्ट का अर्थसंकल्प पेश करे, यह मांग मुंबई महापालिका के पूर्व स्थायी समिती अध्यक्ष यशोधर फणसे ने किया है. महापालिका में सन २०१७-१८ का अर्थसंकल्प कुछ दिनों में पेश किया जाने वाला है. इस अर्थसंकप में बेस्ट का भी शामिल करके पेश किया जाये, यह सूचना स्थायी समितीने किया था. यह धयान प्रशासन को करवाया गया है यह उन्होंने कहा. बेस्ट का अर्थसंकल्प मुख्य अर्थसंकल्प में किये जाने पर महापालिका की निधी उपक्रम के पास आसानी से मिलेगी. और बेस्ट को घाटे से बाहर निकालना आसान होगा, यह फणसे ने स्पष्ट किया है.

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