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देरी और खर्च के दृष्टीकोण से कल्याण पूर्व स्थित स्कायवॉक के लिए नागरिकों को पूरे 6 वर्ष की प्रतिक्षा करनी पड़ी। 39 प्रतिशत के अधिक दाम से टेंडर होते हुए काम पूर्ण होते होते रकम रु 12, 74,57,084/- खर्च को मान्यता देने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को कल्याण डोंबिवली महानगरपालिका ने दी हैं। 8 बार मियाद बढ़ाने के बाद बना कल्याण पूर्व स्कायवॉक के लिए कुल खर्च रु 12.74 करोड़ तक जा पहुंचा हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कल्याण डोंबिवली महानगरपालिका से कल्याण पूर्व स्कायवॉक को लेकर जानकारी मांगी थी। कल्याण डोंबिवली महानगरपालिका के उप अभियंता नेमाडे भालचंद्र ने बताया कि भौतिक तौर पर 31 दिसंबर 2016 को काम पूर्ण हुआ। एमएमआरडीए का अनुदान के बाद काम का वर्क आर्डर उल्हासनगर स्थित मेसर्स जयहिंद रोड बिल्डर्स को 6 नवंबर 2009 को दिया गया। 31 अक्टूबर 2008 को स्थायी समिती ने 39 प्रतिशत की अधिक दाम से रु 10,75,86,000/- के खर्च को मान्यता दी थी। उसके बाद सितंबर 2015 को रु 1,98,71,084/- इतनी रकम को मान्यता देने से प्रोजेक्ट की कुल संशोधित किंमत रु 12,74,57,084/ इतनी हुई। रेलवे प्रशासन ने रेलवे ट्रॅक छोड़कर काम को अनुमति दी थी। इस काम को दिनांक 5 जून 2011, दिनांक 31 मार्च 2012, दिनांक 30 सितंबर 2013, दिनांक 31 मार्च 2014, दिनांक 31 मार्च 2015, दिनांक 31 दिसंबर 2015, दिनांक 31 मई 2016 और दिनांक 31 दिसंबर 2016 को 8 बार मियाद बढ़ाई गई हैं। ताज्जुब की बात यह हैं कि इतनी देरी के बाद भी ठेकेदार पर किसी भी तरह की दंडात्मक कारवाई नहीं की गई उल्टे स्कायवॉक पर मेसर्स जयहिंद रोड बिल्डर्स का सौजन्य का बोर्ड लगाया गया था। अनिल गलगली की शिकायत के बाद मनपा ने ठेकेदार के नाम को सफेद इंक से उसे मिटाने की कारवाई की हैं।

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