मुंबई शनिवार ( संवाददाता ) – केंद्र सरकारम में विरोधी दल नेता पद नही और महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री पद नही है उसी तरह अब मुंबई पालिका में भी विरोधी दल नेता पद नही पालिका के इतिहास में पहली बार पालिका में विरोधी दल नेता पद न होना दिखाई पड़ा है पालिका के विरोधी दल नेता पड़ का पेच बढ़ते ही जा रहा है , पालिका के पहिला सभागृह यह विरोधी दल नेता बिना हुई विरोधी दल नेता पद यह भाजपा दूसरे नंबर की पार्टी होने के बावजूद लेने को तैयार नही. भाजपा के बाद विरोधी दल नेता पद यह काँग्रेस को दिए जाने की संभावना है. परंतु भाजपा के विरोधी दल नेता पद न स्वीकार करने पर वह काँग्रेस को न देकर संसद की तरह विरोधी दल नेता पद न देकर गटनेता की सहाय्यता से ही सभागृह चलाने की रणनीती सत्ताधारी पार्टी द्वारा की जा रही है. मुंबई पालिका में बड़ी पार्टी रही शिवसेना का महापौर, उपमहापौर के साथ स्थायी समिती, शिक्षण समिती, सुधार समिती, बेस्ट समिती आदी समिती के अध्यक्ष के पद पर चुने गए है पालिका प्रभाग समिती अध्यक्ष पद का चुनाव घोषित हुवा.निर्दलीय के साथ 88 नगरसेवक चुनकर आयी शिवसेना पार्टी यज सत्ताधारी पार्टी है, निर्दलीय सहित 84 नगरसेवक चुनकर आने वाली भाजपाने किसी भी तरह का चुनाव न लड़कर पारदर्शकता की पहरेदार के तौर पर काम करने की तैय्यारी दिखाई है. मात्र भाजपा सत्ता में शामिल नही हुई , दुसरे नंबर की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा है. महापालिका अधिनियम के अनुसार सत्ता के व्यतिरिक्त दूसरे क्रमांक की पार्टी विरोधी पार्टी होती है . परन्तु भाजपाने विरोधी पार्टी नेता पद स्वीकार करने की तैयारी नही दिखाने से दूसरे क्रमांक की काँग्रेस पार्टी ने विरोधी दल नेता पद के लिए दावा किया है. परंतु तीसरी पार्टी को यह पद दिए जाने का नियम नही है. इसलिए इस मामले में क़ानूनी राय मांगा गया है. मात्र, विरोधी दल नेता पद किसे दे यह महापौर का अधिकार है, उन्होंने यह पद काँग्रेस को दिए जाने की है यह आरोप पालिका के भाजपाने किया है. इसके लिए ही काँग्रेस उमेदवार न देकर समितीयो का चुनाव बिनविरोध हो रहा है यह भाजपा का मत है काँग्रेस के बारे में भाजपा की तरफ से शिवसेनेना पर आरोप लग रहा है फिर भाजपा यदि विरोधी दल नेता पद स्वीकार नही करने पर वह पद काँग्रेस को भी न दिए जाने का विचार सत्ताधारी पार्टी ने किया है. विरोधी दल नेता बिना गटनेताओ के जोरपर ही पालिका का कामकाज करने की रणनीती शिवसेना ने बनाया है. पालिका के विरोधी दल नेता पद को वैधानिक दर्जा प्राप्त हुवा है , यदि पालिका में विरोधी दल नेता पद न दिए जाने पर आज तक की इतिहास की यह घटना पहली घटना घटेगी. हे आस पास निश्चित हुवा है
Post a Comment
Blogger Facebook