अस्पताल में भर्ती मरीजों की परेशानी बढी, भिवंडी के दवाखानों में लटका ताला |
भिवंडी। एम हुसेन। राज्य के मुख्यमंत्री की कड़ी चेतावनी के बाद भी डॉक्टरों द्वारा शुरू सामूहिक राज्यव्यापी आन्दोलन के समर्थन में उतरे भिवंडी के विभिन्न संगठनों से जुड़े 750 डॉक्टरों ने एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल किया | डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग को लेकर भिवंडी के लगभग डेढ़ सौ नर्सिंग होम तथा प्रैक्टिस करने वाले दवाखाना में डॉक्टरों की उपस्थिति नगण्य थी | वहीं दवाखाना चलाने वाले डॉक्टरों ने अपने दवाखानों में ताला लगाकर पूरी तरह से बंद रखा | भिवंडी में डॉक्टरों के हड़ताल के कारण नर्सिंग होम में भर्ती मरीजों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड रहा है | वहीं डॉक्टरों के विभिन्न संगठनो में भिवंडी मेडिकल प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सत्यम पेमबटला, भिमपा के अध्यक्ष डॉ. संदीप सोनार, निमा संस्था के तालुका और शहर के अध्यक्ष डॉ. दिलीप चौहान व डॉ. मजहर अंसारी, इंडियन डेंटल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सरोज भदोरिया, केएमपीए अध्यक्ष डॉ. नितिन पाटिल, टीएमपीए अध्यक्ष डॉ. श्रीधर सुनका, डॉ. राजेश दहापुते सहित डॉक्टरों के प्रतिनिधि मंडल ने भिवंडी पुलिस उपायुक्त मनोज पाटिल को ज्ञापन देकर डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग करते हुए बताया कि आए दिन राज्य के विभिन्न भाग में स्थित अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टरों के उपर मरीजों के रिश्तेदार व गुंडा प्रवृत्ति के समाजकंटक तत्वों द्वारा जानलेवा हमले किए जा रहे हैं | जिसके कारण डॉक्टरों तथा अस्पताल में काम करने वाले स्टाफ को मरीजों का उपचार व देखरेख करना कठिन हो गया है | ऐसी स्थिति का सभी डॉक्टरों ने एक मत से निषेध करते हुए सांकेतिक हड़ताल की | प्रतिनिधि मंडल में शामिल विभिन्न संस्थाओं से जुड़े डॉक्टर संस्था के अध्यक्षों ने सरकार, शासन व पुलिस से डॉक्टरों के सुरक्षा की मांग की है | वहीं कई नर्सिंग होम से जुड़े डॉक्टरों ने मानवता का परिचय देते हुए हड़ताल पर रहने के बावजूद अस्पताल में भर्ती सीरियस मरीज़ो का उचित उपचार करके जान बचाने के साथ गंभीर रूप से पीड़ित गर्भवती महिलाओं की प्रस्तुति कराने अस्पतालों में पहुंचे और मरीजों की जान बचाई | उसके बाद अपना दैनिक कामकाज बंद रखकर राज्यव्यापी हडताली डॉक्टरों का समर्थन किया
भिवंडी। एम हुसेन। राज्य के मुख्यमंत्री की कड़ी चेतावनी के बाद भी डॉक्टरों द्वारा शुरू सामूहिक राज्यव्यापी आन्दोलन के समर्थन में उतरे भिवंडी के विभिन्न संगठनों से जुड़े 750 डॉक्टरों ने एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल किया | डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग को लेकर भिवंडी के लगभग डेढ़ सौ नर्सिंग होम तथा प्रैक्टिस करने वाले दवाखाना में डॉक्टरों की उपस्थिति नगण्य थी | वहीं दवाखाना चलाने वाले डॉक्टरों ने अपने दवाखानों में ताला लगाकर पूरी तरह से बंद रखा | भिवंडी में डॉक्टरों के हड़ताल के कारण नर्सिंग होम में भर्ती मरीजों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड रहा है | वहीं डॉक्टरों के विभिन्न संगठनो में भिवंडी मेडिकल प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सत्यम पेमबटला, भिमपा के अध्यक्ष डॉ. संदीप सोनार, निमा संस्था के तालुका और शहर के अध्यक्ष डॉ. दिलीप चौहान व डॉ. मजहर अंसारी, इंडियन डेंटल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सरोज भदोरिया, केएमपीए अध्यक्ष डॉ. नितिन पाटिल, टीएमपीए अध्यक्ष डॉ. श्रीधर सुनका, डॉ. राजेश दहापुते सहित डॉक्टरों के प्रतिनिधि मंडल ने भिवंडी पुलिस उपायुक्त मनोज पाटिल को ज्ञापन देकर डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग करते हुए बताया कि आए दिन राज्य के विभिन्न भाग में स्थित अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टरों के उपर मरीजों के रिश्तेदार व गुंडा प्रवृत्ति के समाजकंटक तत्वों द्वारा जानलेवा हमले किए जा रहे हैं | जिसके कारण डॉक्टरों तथा अस्पताल में काम करने वाले स्टाफ को मरीजों का उपचार व देखरेख करना कठिन हो गया है | ऐसी स्थिति का सभी डॉक्टरों ने एक मत से निषेध करते हुए सांकेतिक हड़ताल की | प्रतिनिधि मंडल में शामिल विभिन्न संस्थाओं से जुड़े डॉक्टर संस्था के अध्यक्षों ने सरकार, शासन व पुलिस से डॉक्टरों के सुरक्षा की मांग की है | वहीं कई नर्सिंग होम से जुड़े डॉक्टरों ने मानवता का परिचय देते हुए हड़ताल पर रहने के बावजूद अस्पताल में भर्ती सीरियस मरीज़ो का उचित उपचार करके जान बचाने के साथ गंभीर रूप से पीड़ित गर्भवती महिलाओं की प्रस्तुति कराने अस्पतालों में पहुंचे और मरीजों की जान बचाई | उसके बाद अपना दैनिक कामकाज बंद रखकर राज्यव्यापी हडताली डॉक्टरों का समर्थन किया
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