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-भाकपा माले की बैठक में शहर सीट से चुनाव लड़ने की बनी रणनीति

मीरजापुर। (संतोष गिरी/अशीष तिवारी) जिले की अन्य सीटों की भांति शहर सीट पर भी भाकपा माले की निगाह है। सबकुछ ठीकठाक रहा तो शीघ्र ही उम्मीदवार के नाम की घोषणा भी कर दी जायेगी। यहां नई बस्ती नटवां में भाकपा माले की आयोजित बैठक में इस पर विचार किया गया। इस दौरान पार्टी के केन्द्रीय कमेटी से जुड़े कामरेड मोहम्मद सलीम ने कहा कि आज सभी पार्टिया चुनाव मैदान में है जिनके अपने-अपने दावे और वायदे है ,लेकिन इनमें नौजवानों और गरीबों, मजलूमों के लिए कुछ भी नहीं है। उन्होंने केन्द्र की मोदी सरकार को उद्योगपतियों की सरकार करार देते हुए कहा इनकी पार्टी 25 साल में 14 बार चुनाव लड़ रही है और हर बार इनका पुराना मुद्दा राममंदिर ही रहता है। अब तो इन्हें भी पछतावा होने लगा है कि मस्जिद गिराकर गलत किया क्यों कि बनवा नहीं पा रहे है। समाजवादी पार्टी को आड़े हाथ लेते हुए कहा उत्तर प्रदेश में दंगों का विकास हुआ है मुजफ्फरपुर दंगों के दौरान 65 हजार लोग बेघर हो गए, प्रदेश में कई दंगे हो चुके यह कहते है विकास कर रहे है। बसपा पर बोलते भाकपा माले नेता ने कहा बसपा शासन काल में कई मुसलमानों को आतंकी बताकर जेल भेजा गया। कहा बसपा की रेल है टिकट लो लखनऊ स्टेशन उतर जाओं। उन्होंने सपा के नगर विधायक एंव राज्यमंत्री को आडे़ हाथों लेते हुए कहा जो इबाबत स्थल को तोड़ कर कब्जा कर ले उसे जनता चुन रही है जो पन्द्रह सालों से विधान सभा में कुछ बोलता न हो उसे चुना जा रहा है तो आखिरकार कैसे विकास होगा। पार्टी नेता मोहम्मद सगीर ने कहा हमारी पार्टी धर्म, जाति और भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर जनता के बीच जायेगी। उन्होंने कहा नगर की बदहाली किसी से छुपी हुई नहीं है। बदहाल सड़के विकास के दावे की हवा निकाल दे रही है। बेरोजगारों को पलायन, बंद होते कल कारखाने उपेक्षा की कहानी कह रहे है। उन्होंने कहा कि बुनकरों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है वह आज भी दोयम दर्जे की मजदूरी पर काम करने को विवश है। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है बुनकर मजदूरों की मजदूरी पांच सौ किया जाए ताकि वह भी अपनी परिवार रूपी गाड़ी को दौड़ा सके। उन्होंने युवाओं और खासकर मुस्लिम समाज के लोगों को अगाह करते हुए कहा समाजवादी पार्टी परिवारवादी पार्टी है। इस पार्टी के कुनबे को नजीर के तौर पर देखा जा सकता है 8 प्रतिशत के पीछे 25 प्रतिशत की आबादी चलने को विवश है। उन्होंने धर्म और जाति के नाम पर लड़ाने वालों से सावधान रहने की बात करते हुए कहा समाज ऐसे लोगों के झांसे में कदापि न आवे। इस दौरान कामरेड आशाराम भारती, बाबी खान, शंकर, हरिशंकर, साजिद, तौल्लन, सद्दाम, बदरे आलम, साहेब अंसारी, सज्जन खां, बाबू खां, छोटू, असरार, आसिफ, सलमान आदि सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।

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