-भाजपा, अपना दल कार्यकर्ताओं ने कसी कमर
-रोचक होगा मड़िहान विधान सभा का चुनाव
मीरजापुर। (संतोष गिरी) काफी जद्दोजहद के बाद अन्तोगत्वा जिले की मड़िहान विधान सीट पर रमाशंकर सिंह पटेल के नाम की घोषणा हो जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी और अपना दल के बीच टिकट को लेकर चल रहे संशय के बादल छट गए है। अब जीत की नीत बनने लगी है। कार्यकर्ता भी उहापोह से निकल खुले मन से उम्मीदवार की जीत को लेकर तैयारी में जुट गए है। मंगलवार को भाजपा कार्यालय पर आयोजित बैठक में जिले की पांचों विधान सभा सीटों पर फतह करने की तैयारी के साथ पार्टी और गठबंधन की सीट पर उतारे गए उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने की घुटी कार्यकर्ताओं पदाधिकारियों को पिलाते हुए तनमन से जुटने की भी बात कहीं गई। बताते चले कि भारतीय जनता पार्टी ने चुनार विधान सभा सीट से भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश के बेटे अनुराग सिंह को तो मंझवां से पूर्व विधायक रामचन्द्र मौर्य की पुत्रबहु स शुचिस्मिता मौर्या, शहर विधान सभा सीट से रत्नाकर मिश्रा को मैदान में उतारा है जबकि छानबे से गठबंधन के सहयोगी दल अपना दल सोनेलाल से राहुल कोल को उतारा है। जिले की चारों विधान सभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा हो चुकी थी केवल मड़िहान सीट को लेकर ही संशय बना हुआ था। लेकिन सोमवार को इसको लेकर भी संशय खत्म हो गया जबकि पार्टी द्वारा पूर्वांचल की अन्य सीटों पर पार्टी उम्मीदवार के नामों की घोषणा करते हुए मड़िहान विधान सभा सीट से रमाशंकर सिंह के नाम की घोषणा कर दी गई वैसे ही कार्यकर्ताओं और समर्थकों में प्रसन्नता की लहर दौड़ उठी। बताते चले कि मड़िहान विधान सभा क्षेत्र के गोल्हनपुर गांव निवासी रमाशंकर सिंह पटेल की छवि एक स्वच्छ और मृदुलभाषी छवि के रूप में जानी एवं पहचानी जाती है। प्रधान से जिला पंचायत सदस्य चुने जा चुके है। वर्तमान में भाजपा काशी प्रांत कार्यसमिति में सदस्य नामित रमाशंकर सिंह पटेल 1989 में विद्यार्थी परिषद से जुड़ने के साथ 1990 में बिनानी कालेज छात्रसंघ के उपाध्यक्ष भी चुने गए। इसी प्रकार 1995 से 2000 व 2005 तक गोल्हनपुर के ग्राम प्रधान भी चुने गए। यही गौरव इनकी पत्नी सीता सिंह को 2005 से 2010 तक मिला मौजूदा समय मंे भी इनकी पत्नी ही इस गांव की प्रधान है। यह इनकी कर्मठता और मेहनत ईमानदारी का ही प्रतिफल रहा है कि तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे कलाम द्वारा गोल्हनपुर गांव को निर्मल गांव के पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। भाजपा किसान मोर्चा सहित विभिन्न प्रकोष्ठों से जुड़े रहने के साथ पूर्व में इन्हें पार्टी का टिकट मिलते-मिलते रह गया था। पूर्व के वर्ष में कुछ बातों को लेकर पार्टी से मतभेद के चलते इन्होंने भाजपा छोड़ सपा का दामन थाम लिया था जहां जिला उपाध्यक्ष पद से इन्हें नवाजा गया था। जिनका बाद में घर वापसी किया। रमाशंकर सिंह पटेल का संघ से गहरा जुड़ाव रहा है। यही कारण है कि पार्टी ने इस बार तमाम झंझावतों को नकारते हुए इनके नाम पर मुहर लगाते हुए इन्हें उम्मीदवार घोषित किया
-रोचक होगा मड़िहान विधान सभा का चुनाव
मीरजापुर। (संतोष गिरी) काफी जद्दोजहद के बाद अन्तोगत्वा जिले की मड़िहान विधान सीट पर रमाशंकर सिंह पटेल के नाम की घोषणा हो जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी और अपना दल के बीच टिकट को लेकर चल रहे संशय के बादल छट गए है। अब जीत की नीत बनने लगी है। कार्यकर्ता भी उहापोह से निकल खुले मन से उम्मीदवार की जीत को लेकर तैयारी में जुट गए है। मंगलवार को भाजपा कार्यालय पर आयोजित बैठक में जिले की पांचों विधान सभा सीटों पर फतह करने की तैयारी के साथ पार्टी और गठबंधन की सीट पर उतारे गए उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने की घुटी कार्यकर्ताओं पदाधिकारियों को पिलाते हुए तनमन से जुटने की भी बात कहीं गई। बताते चले कि भारतीय जनता पार्टी ने चुनार विधान सभा सीट से भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश के बेटे अनुराग सिंह को तो मंझवां से पूर्व विधायक रामचन्द्र मौर्य की पुत्रबहु स शुचिस्मिता मौर्या, शहर विधान सभा सीट से रत्नाकर मिश्रा को मैदान में उतारा है जबकि छानबे से गठबंधन के सहयोगी दल अपना दल सोनेलाल से राहुल कोल को उतारा है। जिले की चारों विधान सभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा हो चुकी थी केवल मड़िहान सीट को लेकर ही संशय बना हुआ था। लेकिन सोमवार को इसको लेकर भी संशय खत्म हो गया जबकि पार्टी द्वारा पूर्वांचल की अन्य सीटों पर पार्टी उम्मीदवार के नामों की घोषणा करते हुए मड़िहान विधान सभा सीट से रमाशंकर सिंह के नाम की घोषणा कर दी गई वैसे ही कार्यकर्ताओं और समर्थकों में प्रसन्नता की लहर दौड़ उठी। बताते चले कि मड़िहान विधान सभा क्षेत्र के गोल्हनपुर गांव निवासी रमाशंकर सिंह पटेल की छवि एक स्वच्छ और मृदुलभाषी छवि के रूप में जानी एवं पहचानी जाती है। प्रधान से जिला पंचायत सदस्य चुने जा चुके है। वर्तमान में भाजपा काशी प्रांत कार्यसमिति में सदस्य नामित रमाशंकर सिंह पटेल 1989 में विद्यार्थी परिषद से जुड़ने के साथ 1990 में बिनानी कालेज छात्रसंघ के उपाध्यक्ष भी चुने गए। इसी प्रकार 1995 से 2000 व 2005 तक गोल्हनपुर के ग्राम प्रधान भी चुने गए। यही गौरव इनकी पत्नी सीता सिंह को 2005 से 2010 तक मिला मौजूदा समय मंे भी इनकी पत्नी ही इस गांव की प्रधान है। यह इनकी कर्मठता और मेहनत ईमानदारी का ही प्रतिफल रहा है कि तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे कलाम द्वारा गोल्हनपुर गांव को निर्मल गांव के पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। भाजपा किसान मोर्चा सहित विभिन्न प्रकोष्ठों से जुड़े रहने के साथ पूर्व में इन्हें पार्टी का टिकट मिलते-मिलते रह गया था। पूर्व के वर्ष में कुछ बातों को लेकर पार्टी से मतभेद के चलते इन्होंने भाजपा छोड़ सपा का दामन थाम लिया था जहां जिला उपाध्यक्ष पद से इन्हें नवाजा गया था। जिनका बाद में घर वापसी किया। रमाशंकर सिंह पटेल का संघ से गहरा जुड़ाव रहा है। यही कारण है कि पार्टी ने इस बार तमाम झंझावतों को नकारते हुए इनके नाम पर मुहर लगाते हुए इन्हें उम्मीदवार घोषित किया
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