हाल ही में दहिसर स्थित स्कायवॉक का कुछ हिस्सा गिरने से 2 यात्री घायल हुए। वर्ष 2011 में शुरु हुए दहिसर स्कायवॉक पर 15 कोटी खर्च किया गया हैं। एमएमआरडीए प्रशासन ने बनाए हुए सभी स्कायवॉक की सुरक्षा ऑडिट करने की मांग आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से करते हुए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मुख्य सचिव स्वाधीन क्षत्रिय और एमएमआरडीए के महानगर आयुक्त यूपीएस मदान को भेजे हुए पत्र में अनिल गलगली ने स्पष्ट किया कि 5 वर्ष में दुर्घटना होने की बात गंभीर हैं। वर्ष 2011 में दहिसर स्कायवॉक जनता को शुरु किया गया जिसपर 15 करोड़ खर्च किया हैं। सिर्फ मुंबई में 36 स्कायवॉक हैं जिसपर 865 करोड़ खर्च किया गया हैं। अधिकांश स्कायवॉक का निर्माण जल्दबाजी में होने से हर जगह पर दहिसर जैसी दुर्घटना हो सकती हैं। सुरक्षा के नजरिए से सभी स्कायवॉक का सुरक्षा ऑडिट होना जरुरी हैं और जरुरत पड़ने पर मरम्मत की जा सकती हैं। साथ ही इस काम के लिए जिस अधिकारी को विशेष तौर पर एमएमआरडीए प्रशासन ने नियुक्त किया गया था उस अधिकारी की जांच कर कार्रवाई की मांग अनिल गलगली ने की हैं।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मुख्य सचिव स्वाधीन क्षत्रिय और एमएमआरडीए के महानगर आयुक्त यूपीएस मदान को भेजे हुए पत्र में अनिल गलगली ने स्पष्ट किया कि 5 वर्ष में दुर्घटना होने की बात गंभीर हैं। वर्ष 2011 में दहिसर स्कायवॉक जनता को शुरु किया गया जिसपर 15 करोड़ खर्च किया हैं। सिर्फ मुंबई में 36 स्कायवॉक हैं जिसपर 865 करोड़ खर्च किया गया हैं। अधिकांश स्कायवॉक का निर्माण जल्दबाजी में होने से हर जगह पर दहिसर जैसी दुर्घटना हो सकती हैं। सुरक्षा के नजरिए से सभी स्कायवॉक का सुरक्षा ऑडिट होना जरुरी हैं और जरुरत पड़ने पर मरम्मत की जा सकती हैं। साथ ही इस काम के लिए जिस अधिकारी को विशेष तौर पर एमएमआरडीए प्रशासन ने नियुक्त किया गया था उस अधिकारी की जांच कर कार्रवाई की मांग अनिल गलगली ने की हैं।
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