सरकार ने इस मामले में इंडस्ट्री के लोगों से बातचीत शुरू कर दी है। हालांकि, 3 लाख रुपये से ज्यादा के कैश लेनदेन का विरोध व्यापारियों के कुछ गुटों ने किया है। सरकार नहीं चाहती कि 15 लाख रुपये से ज्यादा कैश रखने के फैसले की घोषणा के बाद इसका किसी प्रकार विरोध हो। हालांकि, आरंभिक स्तर पर कई इंडस्ट्रीज ने कैश लिमिट बढ़ाने की अपील की है। इनका कहना है कि कारखाना चलाने वालों को अपने मजदूरों को दिहाड़ी आधार पर पेमेंट करना होता है। इसके अलावा मजदूरों को बीच-बीच में पैसे भी देने होते हैं। ऐसे में 15 लाख रुपये की कैश लिमिट कम है और इसको बढ़ाना चाहिए।
रिटेल कारोबारियों ने कैश रखने की लिमिट रखने को लेकर एक छूट भी मांगी है। उनका कहना है कि अगर एक दिन का कारोबार 15 लाख रुपये से ज्यादा चला गया तो वे इसको कहां ले जाएंगे। अगर सरकार 15 लाख रुपये की कैश रखने की लिमिट तय करती है तो उसे रिटेल कारोबारियों के लिए विशेष छूट देनी चाहिए। कारोबारियों को सेल के आधार पर कुछ दिनों तक 15 लाख या उससे ज्यादा रखने की छूट दी जाना चाहिए। इस बात पर वित्त मंत्रालय के उच्चाधिकारियों का कहना है कि कारोबारियों को सेल बढ़ने की बात को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। बैंक इस मामले में पूरा सहयोग करेगा। कारोबारी एक तय समय की बिक्री राशि बैंकों में जमा करा सकते हैं। इसमें उनको किसी प्रकार की समस्या नहीं आएंगी।इस मामले में सरकार एक अहम काम यह भी करने जा रही है कि अगर आपके पास 15 लाख रुपये से ज्यादा कैश मिलेगा तो उसे बेनामी माना जाएगा और कार्रवाई भी बेनामी कानून के तहत की जाएगी, जिसमें जेल का भी प्रावधान किया गया है। इनकम टैक्स विभाग के एक उच्चाधिकारी के अनुसार जिस राशि का आप हिसाब-किताब नहीं दे सकते, वह विभाग की नजर में बेनामी है। ऐसे में जो भी कड़ा कानून होगा उसके तहत कार्रवाई की जाएगा। इधर, वित्त राज्य मंत्री संतोष गंगवार का कहना है कि सरकार चाहती है कि सिस्टम्स में ब्लैक मनी खत्म हो जाए। इसके लिए सब तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। इनकम टैक्स विभाग पूरी तरह से ब्लैक मनी को पकड़ने में लगा है।
Post a Comment
Blogger Facebook