वसई (आर आर सिह )नोटबंदी के बाद चलने से बाहर हुए 500 और 1000 रुपये के 10 या उससे ज्यादा पुराने नोट रखने पर आपको 10,000 रुपये से ज्यादा का जुर्माना लगाया जा सकता है.दरअसल वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट को आधिकारिक रूप से बंद करने के लिए लोकसभा में नोटबंदी विधेयक पेश किया, जिसमें जुर्माने के ये प्रावधान रखे गए हैं.पहले था 50,000 जुर्माने का प्रावधान लोकसभा में पेश विनिर्दिष्ट बैंक नोट (देनदारियों की समाप्ति) विधेयक, 2017 नोटबंदी के संबंध में दिसंबर 2016 में जारी सरकारी अध्यादेश की जगह लेगा. उस अध्यादेश में 50,000 रुपये के न्यूनतम जुर्माने का प्रावधान था. यह विधेयक 31 दिसंबर, 2016 के बाद 'निर्दिष्ट बैंक नोट' को रखने, लेनदेन करने पर प्रतिबंध लगाता है. इसके अनुसार, कोई शख्स 10 से ज्यादा पुराने नोट नहीं रख सकता है, चाहे वह किसी भी मूल्य का हो. वहीं, अध्ययन या अनुसंधान के मकसद से 25 नोट रखा जा सकता है. इनका उल्लंघन करने पर 10,000 रुपये या पुरानी पकड़ी गई मुद्रा का पांच गुणा दोनों में से जो भी ज्यादा हो, का जुर्माना लगाया जाएगा.
अरुण जेटली और सौगत रॉय के बीच हुई नोकझोंक
हालांकि वित्तमंत्री अरुण जेटली जिस वक्त लोकसभा में ये विधेयक पेश करने के लिए खड़े हुए, तब तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सौगत रॉय ने उनका विरोध किया और विधेयक को 'अवैध' बताया. इसे लेकर सदन में जुबानी जंग भी हुई.रॉय ने कहा कि वह जेटली के 'बोलने के अधिकार' पर सवाल उठा रहे हैं. रॉय ने कहा, 'जेटली इस सदन के सदस्य तक नहीं हैं. उन्हें सदन के नियमों के बारे में पता नहीं है.' उन्होंने कहा, 'उन्हें राज्यसभा में जाना चाहिए और बोलना चाहिए.' तो इसके जवाब में वित्तमंत्री ने सदस्य के विधेयक के विरोध के अधिकार पर सवाल उठाया और कहा, 'उनकी आपत्ति विधायी क्षमता से कुछ अलग है. उनकी आपत्ति है कि यह एक अच्छा विधेयक नहीं है.'अनंत कुमार के बीच-बचाव की कोशिश रही नाकाम दोनों नेताओं में नोकझोंक बढ़ता देख संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने जेटली का बचाव किया और कहा, 'जेटली एक उत्कृष्ट सांसद रहे हैं, उन्हें बेहतर सांसद भी घोषित किया गया है. उन्हें दोनों सदनों की अच्छी जानकारी है.'रॉय इससे भी शांत नहीं हुए और कहा, 'यह विधेयक वास्तविक रूप से अवैध है, क्योंकि प्रधानमंत्री का नोटबंदी पर मूलभूत बयान बिना किसी अधिसूचना के अवैध रूप से 8 नवंबर को आया था. इसे लेकर संसद को कोई जानकारी नहीं दी गई थी.'
हालांकि रॉय की इस आपत्ति को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने खारिज कर दिया और विधेयक को निचले सदन में पेश किया गया
अरुण जेटली और सौगत रॉय के बीच हुई नोकझोंक
हालांकि वित्तमंत्री अरुण जेटली जिस वक्त लोकसभा में ये विधेयक पेश करने के लिए खड़े हुए, तब तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सौगत रॉय ने उनका विरोध किया और विधेयक को 'अवैध' बताया. इसे लेकर सदन में जुबानी जंग भी हुई.रॉय ने कहा कि वह जेटली के 'बोलने के अधिकार' पर सवाल उठा रहे हैं. रॉय ने कहा, 'जेटली इस सदन के सदस्य तक नहीं हैं. उन्हें सदन के नियमों के बारे में पता नहीं है.' उन्होंने कहा, 'उन्हें राज्यसभा में जाना चाहिए और बोलना चाहिए.' तो इसके जवाब में वित्तमंत्री ने सदस्य के विधेयक के विरोध के अधिकार पर सवाल उठाया और कहा, 'उनकी आपत्ति विधायी क्षमता से कुछ अलग है. उनकी आपत्ति है कि यह एक अच्छा विधेयक नहीं है.'अनंत कुमार के बीच-बचाव की कोशिश रही नाकाम दोनों नेताओं में नोकझोंक बढ़ता देख संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने जेटली का बचाव किया और कहा, 'जेटली एक उत्कृष्ट सांसद रहे हैं, उन्हें बेहतर सांसद भी घोषित किया गया है. उन्हें दोनों सदनों की अच्छी जानकारी है.'रॉय इससे भी शांत नहीं हुए और कहा, 'यह विधेयक वास्तविक रूप से अवैध है, क्योंकि प्रधानमंत्री का नोटबंदी पर मूलभूत बयान बिना किसी अधिसूचना के अवैध रूप से 8 नवंबर को आया था. इसे लेकर संसद को कोई जानकारी नहीं दी गई थी.'
हालांकि रॉय की इस आपत्ति को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने खारिज कर दिया और विधेयक को निचले सदन में पेश किया गया
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