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गुरूद्वारा निर्मल संगत त्रिमुहानी पर उमड़ी श्रद्वालुओं की भारी भीड

मीरजापुर(आशीष कुमार तिवारी/संतोष गिरी)नगर के अति प्राचीन ऐतिहासिक गुरूद्वारा तप स्थान श्री गुरू तेग बहादुर साहिब जी निर्मल संगत नारायण घाट, त्रिमुहानी में वार्षिकोत्सव अवसर पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी गुरू गोविंद सिंह जी महाराज के 350 वें प्रकाशोत्सव पर विगत 13 फरवरी से प्रारंभ 19 फरवरी तक चलने वाले अनवरत सात दिवसीय कार्यक्रम का रविवार को विशाल संत समागम और लंगर के साथ समापन किया गया। इस दौरान देश के कोने-कोने से ज्ञानी और ज्ञाता जुटे रहे। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी सामाजिक, धर्मिक बौद्विक एंव राष्ट्रीय क्रान्ति के जनक सूर्यवंश से अवतरित युगापतार गुरू की काशी के संस्थापक श्री कलगीधर गुरू गोविंद सिंह जी महाराज के पुण्य स्मरण के रूप में उनका 350 वां प्रकाशोत्सव बड़े श्रद्वा के साथ नारायण घाट गुरूद्वारा में मनाया गया। विदित हो कि इस पावन पर्व को सिख धर्म की मर्यादा हेतु अपने प्राण न्योछावर करने वाले अमर शहीद महंत कर्मसिंह कर्मवीर जी महाराज सदा तन-मन धन से मनाते आये है। उस परम्परा का आज भी यहां निर्वहन निरंतर प्रति वर्ष होता चला आ रहा है। इस उपलक्ष्य में 13 से 19 फरवरी तक श्री अखंड़ पाठ साहब और गुरूवाणी हुए जिसमें सभी ने भाग लिए इसके पश्चात निरंतर लंगर का कार्यक्रम चलता रहा जिसमें लगे सेवादार लोगों को श्रद्वापूर्वक प्रसाद ग्रहण कराने से लेकर सेवाकार्य में जुटे रहे। इस दौरान श्री गुरू ग्रन्थ साहिब जी के छः श्री अखण्ड पाठ, किर्तन प्रभजीत सिंह, सरदार रणजीत सिंह गिल, दलजीत सिंह शुकदेव कुटिया हरिद्वार, गुरूचेतन सिंह अमृतसर, अजमेर सिंह, भोलानाथ साहू, द्वारा पाठ किर्तन तो उमा जी एंव स्वर्ण कौर जी का गुरूवाणी का रस भिन्ना अति मनोहर शबद किर्तन हुआ। इस दौरान सरदार चरनजीत सिंह सोखी, अजय मेहरोत्रा, रामभजन सिंह परमार्थी, धर्मपाल सिंह सरना, महंत पं. ज्ञानदेव सिंह जी वेदान्ताचार्या, डा. नीरज त्रिपाठी, हरभजन सिंह लहरी, आदि के साथ पूर्वांचल के विभिन्न जनपदों से आये हुए वक्ताओं ने गुरूगोविंद सिंह के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस मौके पर संत वेअंत सिंह, ज्ञानी राजकुमार सिंह, विष्णू सिंह, गुरूचरण सिंह, सूरजन सिंह, विवके सिंह, विष्णू शंकर त्रिवेदी, प्रकाश धवन, कृपालदास, हरदीप सिंह, परमजीत सिंह डंग, रविन्द्र सिंह चढ़ढ़ा, सरना परिवार, नरेन्द्र सिंह मंूगा, करमजीत सिंह सरना, दिलीप बिग,सुशील कुमार सिंह, गिरीश पांडेय, आदि उपस्थित रहे। सरदार भूपेन्द्र सिंह डंग ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया तो महंत श्यामसुंदर सिंह शास्त्री ने सभी के प्रति सेवा और सहयोग के लिए आभार प्रकट करने हुए उनकी कुशलता के लिए गुरू साहिब से प्रार्थना की।

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