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- शौंचालय निर्माण में धांधली का मामला

- ग्रामीणों के जबरजस्त विरोध पर बढ़ा मामला


मीरजापुर। (संतोष देव गिरि/आशीष कुमार तिवारी) छानबे क्षेत्र के तिलईमौआर में स्वच्छता अभियान के तहत जारी शौंचालय ग्राम प्रधान के गले की फांस बन गयी। उक्त गांव में शौचालय की गुणवत्ता संतोषजनक न पाये जाने एवं ग्रामीणांे विरोध के चलते जिलाधिकारी कंचन वर्मा ने ग्राम प्रधान कबूतरा देवी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। बताया जाता है कि उक्त गांव में 61 शौंचालय सहायक विकास अधिकारी पंचायत की बैठक में आम सहमति से यह निर्णय लिया गया था कि लाभार्थी स्वयं मानक के अनुरुप शौचालय का निर्माण करायेंगे। जिसका सत्यापन निर्वाचित ग्राम पंचायत सदस्यो द्वारा किये जाने के उपरांत ही निर्माण सामग्री का भुगतान एकाउंटपेयी चेक के माध्यम से सम्बन्धित फर्म को किये जायेंगे। इस क्रम में 60 लाभार्थियों के द्वारा ग्राम पंचायत सदस्य एवं क्षेत्र पंचायत सदस्य के सहयोग से अपना शौचालय निर्माण का कार्य पूरा तो करा लिया परन्तु ग्राम प्रधान द्वारा भुगतान में अवरोध उत्पन्न कर दिया गया। जिससे शौंचालय के आगे के निर्माण में बाधा उत्पन्न हो रही है। मिली शिकायतों पर गंभीर होते हुए जिलाधिकारी कंचन वर्मा ने ग्राम प्रधान को नोटिस जारी करते हुए एक सप्ताह का समय दिया। अपने दिये गये समय सीमा निर्देश में डीएम ने कहा कि यदि एक सप्ताह के अंदर अधोहस्ताक्षरी कार्यालय में जबाब न उलब्ध कराया तो राष्ट्रीय/सामाजिक महत्व के कार्य में जानबूझ कर बरती गयी लापरवाही पर उत्तर प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1947 यथा संशोधित की धारा-95(1) (छ) के तहत कार्यवाही करते हुए ग्राम प्रधान के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों को निलंबित करते हुए तीन सदस्यी समिति का गठन कर दिया जायेगा। शौंचालय निर्माण में जिला प्रशासन के इस उठाये गये कदम से छानबे क्षेत्र के अन्य ग्राम पंचायतो के ग्राम प्रधानों में हड़कंप मचा हुआ है।

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