Ads (728x90)

मोदी के गोद लिए गांव में चैंकाने वाला होगा परिणाम
वाराणसी। (संतोष देव गिरी) वाराणसी का सेवापुरी विधान सभा क्षेत्र इन दिनों सुर्खियों में है तो कईयों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न भी बना हुआ है। सुर्खियों में इस लिए कि भारत के प्रधानमंत्री एंव वाराणसी के सांसद नरेन्द्र मोदी द्वारा गोंद लिया हुआ गांव जयापुर और नागेपुर सेवापुरी विधान सभा अन्र्तगत ही आता है। ऐसे में भाजपा ने अपनी पूरी ताकत इस विधान सभा में झोंक रखी है तो सपा ने अपने मंत्री की इस सीट को बरकरार रखने के लिए ताकत लगा दी है। वाराणसी की अन्य सीटों की स्थित चाहे जो भी हो, लेकिन दो जनपदों भदोही, मीरजापुर से सटा हुआ और पांच विधान सभाओं से घिरा हुआ सेवापुरी विधान सभा सीट कईयों के प्रतिष्ठा से जुड़ गया है। यहां का चुनाव परिणाम न केवल चैंकाने वाला होगा बल्कि कईयों के लिए सबक सिखाने जैसा होगा जो धनबल और कोरे आश्वासनो के जरिए जनता-जर्नादन को बरगलाने की पुरजोर कोशिश में लगे हुए है। कुर्मी पटेल, ब्राह्मण, राजभर, भूमिहार, मौर्य, यादव, मुस्लिम और दलित सहित अन्य जातियों वाला यह इलाका विगत डेढ़ दशक से विकास के नाम पर छला जाता आ रहा है। जनता को छलने के साथ धोखा भी देने का काम किया गया। यहां की जनता ने जिसे अपना जनप्रतिनिधि चुना उससे बहुत सारी उम्मीदे भी लगा रखी थीं, लेकिन उनकी उम्मीदें धरी की धरी की रह गई। ऐसे में इस बार यहां जन-जन की जुबान पर बदलाव की बात साफ सुनाई दे रही है। यहां भाजपा-अद गठबंधन से नील रतन सिंह पटेल ‘‘नीलू’’, बसपा से महेन्द्र पांडेय और सपा-कांग्रेस गठबंधन से सुरेन्द्र सिंह पटेल मैदान में है। भाजपा और सपा के लिए यह सीट नाक का सवाल बनी हुई है। भाजपा-अपना दल गठबंधन के उम्मीदवार नीलरतन सिंह पटेल ‘‘नीलू’’ लगातार 15 वर्षो से संघर्ष करते चले आ रहे है। उनका मुकाबला सूबे की सरकार में मंत्री और यहां से विधायक चुने गए सुरेन्द्र सिंह पटेल से है। पिछले दो विस चुनाओं में जीत हार का अंतर भी महज चार से दस हजार मतों के बीच का रहा है। इस बार भाजपा-अद गठबंधन का भरपूर लाभ मिलने की उन्हें जहां पूरी उम्मीद है वहीं जनता में भी उनके नाम के खूब चर्चे है। ऐसे में इनको व्यापक जनसमर्थन भी मिलता दिखलाई दे रहा है। वहीं सपा-कांग्रेस गठबंधन से मैदान में ताल ठोंक रहे वर्तमान विधायक और सूबे की सरकार में राज्यमंत्री सुरेन्द्र सिंह पटेल तीसरी बार जीत का सेहरा बांधने को व्याकुल दिखलाई दे रहे है पर इस बार इनके लिए यह सीट कठिन दिखलाई दे रही है जिसकी वजह बताई जा रही है जन भावनाओं पर इनका खरा न उतरना और विकास कार्यो में अनदेखी के साथ क्षेत्रीय मतदाताओं में इनके प्रति जनआक्रोश का होना। यहीं कारण है कि इस बार का इनका सफर काफी कठिन नजर आ रहा है। बसपा उम्मीदवार महेन्द्र पांडेय दागदार छवि के होने के साथ यूपी के चर्चित एनएचआरएम घोटाले से न केवल घिरे हुए है, बल्कि जेल की हवा भी खा चुके है। ऐसे मंे मतदाताओं में इनके प्रति भी नकारात्मक चर्चे उछल कर आ रहे है जिससे बसपा की भी राह आसान नहीं दिखलाई दे रही है। क्षेत्र में व्याप्त चर्चाओं पर गौर करे तो बसपा उम्मीदवार द्वारा मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए झोली को खुला छोड़ दिया गया है, लेकिन यहां का मतदाता भी कम चालाक नहीं है वह सब कुछ समझ चुका है कि जो हजारों करोड़ के चर्चित घोटाले से घिरा हुआ है और जेल भी जा चुका है भला वह कैसे उनकी भावनाओं पर खरा उतर सकता है? उसे कब जेल जाना पड़ जाए कहा नहीं जा सकता है। इस लिए क्षेत्र का मतदाता अभी भी खामोशी ताने हुए है। बात करे अन्य दलों की तो यह केवल वोट कटवा की भूमिका ही अदा करने के लिए मैदान में उतरे है जिनकी हवा मतदान से पूर्व ही निकलती दिखलाई दे रही है। कुल मिलाकार यहां लड़ाई भाजपा-अद गठबंधन और सपा-कांग्रेस गठबंधन के बीच दिखलाई दे रहा है। सपा उम्मीदवार सुरेन्द्र सिंह पटेल की सीट को बरकरार रखने के लिए सपा ने जहां अपनी ताकत झांेक रखी है तो वहीं भाजपा-अद उम्मीदवार नीलरतन पटेल नीलू के लिए भाजपाई एकजुट होने के साथ अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ कर मैदान में कंूदे हुए है। इस सीट के लिए खुद प्रधानमंत्री की प्रतिष्ठा भी दांव पर है वह इस लिए कि उनके द्वारा गोंद लिए गए गांव नागेपुर और जयापुर इसी विधान सभा क्षेत्र में है, दुसरे नीलरतन सिंह नीलू को अपना दल सोनेलाल की मुखिया केन्द्रीय परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल का खास माना जाता है। नीलरतन खुद अपना दल सोनेलाल के राष्ट्रीय महासचिव भी है। जिनका जुड़ाव पार्टी संस्थापक सोनेलाल पटेल से भी रहा है। यहीं कारण है कि कुर्मी समाज भी इनके पक्ष में एकजुट हो उठा है। भाजपा के लिए वाराणसी की अन्य सीटों की तरह सेवापुरी विधान सभा सीट भी प्रतिष्ठा का प्रश्न बनी हुई है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चुनावी दौरे पर निकले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का जब 26 फरवरी को वाराणसी आगमन हुआ था तो उन्होंने 27 फरवरी की अलसुबह न केवल सेवापुरी विधान सभा से गठबंधन के उम्मीदवार नीलरतन पटेल नीलू से न केवल घंटों बंद कमरे में गुफ्तगूं की बल्कि अन्य कईयों मुद्दों पर भी चर्चा की वहीं ख्ुाद अद अध्यक्ष और केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल अपने खासमखास साथी नीलरतन पटेल की इस सीट की पलपल की गतिविधियों से न केवल रूबरू हो रही है, बल्कि गठबंधन साथियों को उचित दिशा-निर्देश भी दिए जा रही है। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा-अद गठबंधन नेतृत्व किस प्रकार से इस सीट के लिए संजीदा है। बहरहाल, कुल मिलाकर देखा जाए तो सेवापुरी विधान सभा की जनता इस बार पुरी तरह से बदलाव के मूंड में है और वह युवा और विकास कार्यो के साथ जनभावनाओं पर खरा उतरने वाले चेहरे को चुनना चाह रही है। अब यह चेहरा कौन हो सकता है यह तो आने वाला समय ही तय करेगा।
----------------------------------------------------------------------------------------------
‌‍"हिन्दुस्तान की आवाज में पेड़ न्यूज़ स्वीकारी नही जाती 
चुनाव में जो उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे है, वह किसी भी पार्टी से हो, वह अपने प्रचार की जानकारी व फोटो
 बेब न्यूज़ हिन्दुस्तान की आवाज के  
hindustankiaawaz.in@gmail.com 
presshindustan@gmail.com 
इस ईमेल आय डी पर भेजे, उम्मीदवारों  के प्रचार की जानकारी मुफ्त में प्रकाशित किया जायेगा 
महत्व की सूचना - उम्मीदवारों ने यदि प्रतिस्पर्धी उम्मीदवार पर निचले स्तर पर टिका किया, तो वह समाचार प्रकाशित नही की जाएगी,  हिन्दुस्तान की आवाज में पेड़ न्यूज़ स्वीकारी नही जाती, यह सभी ध्यान दे.
                                                                                                                             मोहम्मद मुकीम शेख
                                                                                                                      संपादक - 9869402786

Post a Comment

Blogger