-पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर मीडियाकर्मी में बढ़ने लगा है असंतोष
मीरजापुर। चुनार आचार संहिता के नाम पर प्रशासन खासकर पुलिस प्रशासन पूरे रौब में आ गया है मजे कि बात है कि सर्वाधिक खतरा तो इनकों कलमकारों से दिखलाई देने लगा है। सोमवार को कुछ ऐसा ही नजारा कलेक्टेªट परिसर में देखने को मिला जब वाराणसी से प्रकाशित एक दैनिक समाचार पत्र से जुड़े प्रेस प्रतिनिधि को अपर पुलिस अधीक्षक आपरेशन ने बड़े ही बेआबरूक ढंग से प्रेस कार्ड न होने पर परिसर से बाहर निकालने का आदेश दे दिया। बाद में मौके पर उपस्थित कुछ पत्रकारों द्वारा हस्तक्षेप करने पर वह अपने आदेश को पलटते हुए मजाकियां लहजे में उक्त पत्रकार को बुलाने लगे। मौके पर मौजूद अन्य पत्रकार जहां यह देख सुन दंग हो उठे वहीं सवाल यह उठता है कि क्या वहां मौजूद अन्य पत्रकारों का भी प्रेस कार्ड मांगा गया। आखिरकार केवल उन्हीं से ही क्यों ? बताते चले कि नित्य की भांति सोमवार को भी खबर विजन समाचार पत्र से जुड़े राजकुमार शर्मा कलेक्टेªट परिसर में नामांकन से जुड़े समाचार का संकलन करने गए हुए थे। इस दौरान अचानक वहां मौजूद अपर पुलिस अधीक्षक आपरेशन द्वारा उनसे प्रेस कार्ड दिखाने को कहा गया। जब श्री शर्मा ने बताया कि अभी उनका कार्ड प्रेस कार्यालय द्वारा जारी नहीं हो पाया है। हां सूचना कार्यालय को प्रेस द्वारा जारी लेटर मुहैया करा दिया गया है। बावजूद इसके उनकी एक न सुन उन्हें परिसर से बाहर निकालने का आदेश दे दिया गया। इस बात की जानकारी जैसे ही मौके पर मौजूद एक पत्रकार साथी को हुई उन्होंने तत्काल इस बात का प्रतिकार किया जिसका परिणाम यह रहा कि अपर पुलिस अधीक्षक आपरेशन को अपने आदेश को वापस लेना पड़ा और फिर बड़े ही सधे अंदाज में उन्होंने उक्त पत्रकार को अपने पास बिठा लिया। बहरहाल मामला चाहे जो भी रहा होे, लेकिन इस प्रकार के अपमान भरे शब्दों से पत्रकारों में खासा रोष देखा जा रहा है। सवाल उठता है कि अपनी उपलब्धियों का बखान करने के नाम पर पत्रकारों को इनके द्वारा बुलाया जाता है तो कितने लोगों को प्रेस कार्ड देखा जा जाता है?
मीरजापुर। चुनार आचार संहिता के नाम पर प्रशासन खासकर पुलिस प्रशासन पूरे रौब में आ गया है मजे कि बात है कि सर्वाधिक खतरा तो इनकों कलमकारों से दिखलाई देने लगा है। सोमवार को कुछ ऐसा ही नजारा कलेक्टेªट परिसर में देखने को मिला जब वाराणसी से प्रकाशित एक दैनिक समाचार पत्र से जुड़े प्रेस प्रतिनिधि को अपर पुलिस अधीक्षक आपरेशन ने बड़े ही बेआबरूक ढंग से प्रेस कार्ड न होने पर परिसर से बाहर निकालने का आदेश दे दिया। बाद में मौके पर उपस्थित कुछ पत्रकारों द्वारा हस्तक्षेप करने पर वह अपने आदेश को पलटते हुए मजाकियां लहजे में उक्त पत्रकार को बुलाने लगे। मौके पर मौजूद अन्य पत्रकार जहां यह देख सुन दंग हो उठे वहीं सवाल यह उठता है कि क्या वहां मौजूद अन्य पत्रकारों का भी प्रेस कार्ड मांगा गया। आखिरकार केवल उन्हीं से ही क्यों ? बताते चले कि नित्य की भांति सोमवार को भी खबर विजन समाचार पत्र से जुड़े राजकुमार शर्मा कलेक्टेªट परिसर में नामांकन से जुड़े समाचार का संकलन करने गए हुए थे। इस दौरान अचानक वहां मौजूद अपर पुलिस अधीक्षक आपरेशन द्वारा उनसे प्रेस कार्ड दिखाने को कहा गया। जब श्री शर्मा ने बताया कि अभी उनका कार्ड प्रेस कार्यालय द्वारा जारी नहीं हो पाया है। हां सूचना कार्यालय को प्रेस द्वारा जारी लेटर मुहैया करा दिया गया है। बावजूद इसके उनकी एक न सुन उन्हें परिसर से बाहर निकालने का आदेश दे दिया गया। इस बात की जानकारी जैसे ही मौके पर मौजूद एक पत्रकार साथी को हुई उन्होंने तत्काल इस बात का प्रतिकार किया जिसका परिणाम यह रहा कि अपर पुलिस अधीक्षक आपरेशन को अपने आदेश को वापस लेना पड़ा और फिर बड़े ही सधे अंदाज में उन्होंने उक्त पत्रकार को अपने पास बिठा लिया। बहरहाल मामला चाहे जो भी रहा होे, लेकिन इस प्रकार के अपमान भरे शब्दों से पत्रकारों में खासा रोष देखा जा रहा है। सवाल उठता है कि अपनी उपलब्धियों का बखान करने के नाम पर पत्रकारों को इनके द्वारा बुलाया जाता है तो कितने लोगों को प्रेस कार्ड देखा जा जाता है?
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