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मीरजापुर। (संतोष गिरी/अशीष तिवारी) जिला पंचायत सभागार में शिखर प्रशिक्षण द्वारा मुस्कान परियोजना के तहत शिक्षा अधिकार कानून व जिला बाल मैत्रिक विद्यालय व व्यवस्था में स्कूल प्रबन्ध समिति के कार्य व जबाबदेही के बारे में सभी विकास खण्ड से आये एस एम सी के लोग, शिक्षा प्रेरक, एस.एम.सी. प्रेरक व पंचायत सदस्यों के साथ कार्यशाला किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत में संध्या जी ने मुस्कान परियोजना के बारे में बताते हुए कहा कि यह परियोजना युनिसेफ और एक्शनएड के सहयोग से उत्तर प्रदेश के 6 जिलों में चलाया जा रहा हैं जिसमें मीरजापुर के 12 ब्लाॅकों में यह परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। कार्यक्रम के उद्देश्यों को ट्रेनिंग कोआर्डिनेटर नन्दलाल ने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य है कि निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के मानकों के अनुसार जिला बाल मैत्रिक विद्यालय संगठन के नाम से जिला फोरम का गठन करना। जनपद में बाल मैत्रिक विद्यालय बनाने हेतु स्कूल से सम्बन्धित मुद्दो को समझना एवं बाल मैत्रिक विद्यालय की स्थापना करना व स्कूल प्रबन्ध समिति को सक्रिय करना व मीना मंच को सक्रिय करना, जिससे कि हमारे गांव का विद्यालय बाल मैत्रिक विद्यालय बन सके। सीटी ब्लाॅक से आये अशोक ने निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकान अधिनियम-2009 के बारे में विस्तार से जानकारी दिया। प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर संध्या जी ने जिला बाल मैत्रिक विद्यालय संगठन के लिए कुछ सुझावों को रखा गया, जिसे जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी महोदय से अनुरोध किया गया कि इन सुझावों को शिक्षा विभाग के जिला प्लान में शामिल किया जाये जिससे जनपद का सभी विद्यालय बाल मैत्रिक विद्यालय बन सके और जिला में एक उदाहरण पेश हो। कोन ब्लाॅक से आये सेवानिवृत्त अध्यापक व्यासमुनी तिवारी ने बतया कि मुझे यहाॅ आकर काफी अच्छा लगा कि यहाॅ पर बाल मैत्रिक विद्यालय बनाने के बारे में बताया गया मै यह मानता हूँ कि विद्यालय में अध्यापक बच्चों के साथ मित्रवत व्यवहार करें और छोटे बच्चों को पढ़ाते समय स्थानीय भाषा का प्रयोग किया जाये, इससे बच्चा उनकी बातों को जल्दी सीख पायेगा। उन्होंने यह भी कहां कि अधिकारियों द्वारा विद्यालय को शैक्षणिक भ्रमण होना चाहिए। एस.एम.सी के सदस्यो को बतया कि आपकी महत्वपूर्ण भूमिका है आप लोग बच्चो को भेजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है। इन कामों के साथ आप लोग अनाथ, बेसहारा तथा नवजातु शिशु जो बिना शादी के रिस्ते में पैदा होते है उनका लोग परवरिश नहीं करते है कही छोड़ जाते है ऐसे बच्चो के बारे में जानकारी मिलने पर आप बाल कल्याण समिति या बाल संरक्षण अधिकारी को सूचना कर सकते है साथ ही चाइल्ड लाइन व महिला हैल्प लाइन की जानकारी दिया गया। समेकित बाल संरक्षण इकाई से आई नगीना ने बताया कि बच्चों के अधिकारो को सुनिश्चित करने के लिए हम लोगों को स्कूल प्रबन्ध समिति तथा अविभावक सभी लोग मिलकर काम करेंगे तभी बच्चो को उनका अधिकार हासिल हो सकता है। कार्यक्रम में सभी ब्लाॅको से आये एस.एम.सी., अध्यक्षो, पंचायत सदस्य, अभिभावको व अध्यापक ने सहभाग किया।

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