भिवंडी ( एम हुसेन )विवाह एवं हलदी समारोह में अनावश्यक रूप से अधिक पैसा खर्च करने वाले आगरी, कोली समाज ने अब साखरपुडा एवं हलदीसमारंभ मुक्त गाव बनाने का संकल्प लिया है . भिवंडी तालुका के कल्याण रॉड स्थित गोवे ग्रामपंचायत ने यह ऐतिहासिक निर्णय लिया है, इस संदर्भ में गत दिनों एक विशेष बैठक आयोजित की गई थी जिसमें गोवे ग्रामपंचायत सरपंच जयश्री पाटिल , आगरी समाज सेवक विश्वनाथ भोईर, समाजसेवक चंद्रहास चौधरी आदि मान्यवर उपस्थित थे. सुंदर माझे गाव... साखरपुडा एवं हलदी समारंभ मुक्त माझ गाव... का संकल्प उक्त बैठक में किया गया . आगरी कोली समाज में हलदी, विवाह , गोदभराई जैसा समारंभ बडे धूम धाम से मनाए जाने की पद्धत है. इस समारोह में अधिक पैसा खर्च किया जाता है . जिनके पास पैसा है उन्हें खर्च करने में कोई दिक्कत नहीं होती परंतु गरीबों के सामने बडी समस्याओं का निर्माण होता है. इस अवसर पर अपनी जमीन विक्री कर अथवा कर्ज लेकर गरीब यह समारोह मनाते हैं. उक्त प्रकार का कार्यक्रम गोवे ग्रामपंचायत की सरपंच जयश्री पाटिल ने आगरी समाज को जनजागृती करने के लिए एक बैठक का आआयोजन किया . उक्त बैठक में साधारण रूप से सादगी व कम खर्च में तथा एक दिवसीय सभी विवाह समारोह संपन्न कराने के लिए सर्वसहमति से निर्णय लिया गया . तथा उपस्थित ग्रामीणों ने सर्वसहमति से प्रत्येक समाज के भलाई के लिए हर संभव अथक प्रयास किए जाने निर्णय लिया गया तथा इसपर पूर्ण रूप से अमल करने का निर्णय लिया गया है .यदि एक भी ग्रामीण ने इस निर्णय का पालन नहीं किया और उक्त निर्णय के विरुद्ध कार्य किया तो संपूर्ण ग्रामीण उसके समारोह कार्यक्रम का बहिष्कार करने का निर्णय इस बैठक में लिया गया है।
उक्त बैठक में कई मान्यवरों ने समाज का मार्गदर्शन किया। साखरपुडा एवं हलदी समारोह में पैसों की बर्बादी होती है जो समाज हित में बाधा बनती है यह समाज परिवर्तन नहीं बल्कि विचार परिवर्तन की जरूरत है इस प्रकार का वक्तव्य समाजसेवक चंद्रहास चौधरी ने व्यक्त किया . आगरी समाज की रुढी परंपरा का विरोध नहीं बल्कि इसमें उचित सुधार होना चाहिए . उक्त निर्णय के परिणामस्वरूप कल्याण के उंबर्डे, सापर्डे, कोलीवली, गांधारी, हिऱ्याचा पाडा, आदि गांव में अमल की शुरूआत हो चुकी है तथा ठाणे जिला मे लगभग साढ़े छह सौ गावं साखरपुडा एवं हलदी मुक्त करने का निर्णय लिया गया है इस आशय की जानकारी विश्वनाथ भोईर ने दी है।
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उक्त बैठक में कई मान्यवरों ने समाज का मार्गदर्शन किया। साखरपुडा एवं हलदी समारोह में पैसों की बर्बादी होती है जो समाज हित में बाधा बनती है यह समाज परिवर्तन नहीं बल्कि विचार परिवर्तन की जरूरत है इस प्रकार का वक्तव्य समाजसेवक चंद्रहास चौधरी ने व्यक्त किया . आगरी समाज की रुढी परंपरा का विरोध नहीं बल्कि इसमें उचित सुधार होना चाहिए . उक्त निर्णय के परिणामस्वरूप कल्याण के उंबर्डे, सापर्डे, कोलीवली, गांधारी, हिऱ्याचा पाडा, आदि गांव में अमल की शुरूआत हो चुकी है तथा ठाणे जिला मे लगभग साढ़े छह सौ गावं साखरपुडा एवं हलदी मुक्त करने का निर्णय लिया गया है इस आशय की जानकारी विश्वनाथ भोईर ने दी है।
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