मुंबई ( संवाददाता ) मुंबई महापालिका चुनाव होने वाला है जिसके प्रचार के लिए तरह- तरह कि अनुमति लेना पड़ता है. परंतू यह अनुमती लेने के लिए पूरा दिन लग जाता है जिससे प्रचारपर बुरा परिणाम पड़ने से राजनेतिक कार्यकर्ताओ में असंतोष व्याप्त है.
चुनाव के समय संपर्क कार्यालय, प्रचार सभा, पदयात्रा, प्रचार के लिए लगने वाले वाहनों इत्यादी अनेक अनुमति लेना पड़ता है. यह अनुमति लेनेके लिए पालिका कार्यालय में एक खिड़की योजना शुरू किया गया है. इसी तरह एक खिड़की योजना घाटकोपर स्थित एन विभाग कार्यालय में सुरु की गयी है. इस जगह अनुमती लेने के लिए सुबह 9 बजे निवेदन करने पर रात्र 9 बजे बजे अनुमती दीए जाने से प्रतिनिधियों का पूरा दिन बरबाद होता है.
घाटकोपर में 11स्थानों के लिए लगभग 200 से अधिक उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे है. एक खिड़की में निवेदन करने पर उस जगह के कर्मचारी निवेदन स्विकार करने के बाद वह निवेदन दोपहर भोंजन का समय समाप्त होने के बाद अन्य कार्यालय में मंजूरी के लिए भेजते है. अधिकारीयो द्वारा इस निवेदन पर कारवाई करकर निवेदन मंजूर किया जाता है. दुबारा एक खिड़की के कर्मचारी निवेदन लेकर आते है और उसका शुल्क वसूल करने के बाद दूसरे दिन अनुमती दी जाती है.
एक खिड़की योजना बेहतर है लेकिन इसमें बहुत कर्मचारी है. इसलिए इन कर्मचारीयो को निवेदन स्वीकार करने से लेकर निवेदन अन्य कार्यालय में ले जाकर मंजूर करवाकर लाने का काम करना पड़ता है. यहा काम करने वाले कर्मचारीयो को काम समाप्त होने तक देर रात्र तक रुकना पड़ता है. इसके चलते अनेक लोगो का अनुमती लेने के लिए पूरा दिन बरबाद होने से प्रतिनिधि नाराज है. जिन उम्मीदवारों के पास कार्यकर्ता बड़ी संख्या में है वह कार्यकर्ता दिनभर अनुमती लेने में बरबाद कर रहे है और अपक्ष उम्मीदवार परेशान हो रहे है.
चुनाव के समय संपर्क कार्यालय, प्रचार सभा, पदयात्रा, प्रचार के लिए लगने वाले वाहनों इत्यादी अनेक अनुमति लेना पड़ता है. यह अनुमति लेनेके लिए पालिका कार्यालय में एक खिड़की योजना शुरू किया गया है. इसी तरह एक खिड़की योजना घाटकोपर स्थित एन विभाग कार्यालय में सुरु की गयी है. इस जगह अनुमती लेने के लिए सुबह 9 बजे निवेदन करने पर रात्र 9 बजे बजे अनुमती दीए जाने से प्रतिनिधियों का पूरा दिन बरबाद होता है.
घाटकोपर में 11स्थानों के लिए लगभग 200 से अधिक उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे है. एक खिड़की में निवेदन करने पर उस जगह के कर्मचारी निवेदन स्विकार करने के बाद वह निवेदन दोपहर भोंजन का समय समाप्त होने के बाद अन्य कार्यालय में मंजूरी के लिए भेजते है. अधिकारीयो द्वारा इस निवेदन पर कारवाई करकर निवेदन मंजूर किया जाता है. दुबारा एक खिड़की के कर्मचारी निवेदन लेकर आते है और उसका शुल्क वसूल करने के बाद दूसरे दिन अनुमती दी जाती है.
एक खिड़की योजना बेहतर है लेकिन इसमें बहुत कर्मचारी है. इसलिए इन कर्मचारीयो को निवेदन स्वीकार करने से लेकर निवेदन अन्य कार्यालय में ले जाकर मंजूर करवाकर लाने का काम करना पड़ता है. यहा काम करने वाले कर्मचारीयो को काम समाप्त होने तक देर रात्र तक रुकना पड़ता है. इसके चलते अनेक लोगो का अनुमती लेने के लिए पूरा दिन बरबाद होने से प्रतिनिधि नाराज है. जिन उम्मीदवारों के पास कार्यकर्ता बड़ी संख्या में है वह कार्यकर्ता दिनभर अनुमती लेने में बरबाद कर रहे है और अपक्ष उम्मीदवार परेशान हो रहे है.
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