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राज्य को ‘उदय’ के माध्यम से 481 करोड़ रूपए का कुल लाभ अर्जित होगा

भारत सरकार और सिक्किम ने आज उज्‍जवल डिस्‍कॉम एश्‍योरेंस योजना (उदय) के तहत राज्य के बिजली वितरण विभाग के परिचालन में सुधार के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्‍ताक्षर किए हैं। एमओयू पर हस्ताक्षर करने के साथ ही उदय के अंतर्गत आने वाले राज्यों की संख्या 22 हो गयी है। सिक्किम किफायती कोषों, एटी एंड सी में कमी और ट्रांसमिशन की खामी, ऊर्जा दक्षता बढ़ाने जैसे तरीकों से ‘उदय’ के माध्यम से 481 करोड़ रूपए का कुल लाभ अर्जित करेगा।

एमओयू से राज्य के बिजली वितरण विभाग की परिचालन क्षमता में सुधार का मार्ग प्रशस्त होगा। बदलाव की प्रक्रिया के दौरान उत्‍तर प्रदेश और डिस्‍कॉम्‍स अनिवार्य फीडर और ट्रांसफामर्स मीटरों का वितरण, उपभोक्‍ता इंडेक्‍स एवं नुकसान की जीआईएस मैपिंग, ट्रांसफार्मरों को अपग्रेड/बदलना, मीटर इत्‍यादि, बड़े ग्राहकों के लिए समार्ट मीटरिंग जैसे कदमों के जरिए परिचालन दक्षता लाने का प्रयास करेंगे। इससे पारेषण (ट्रांसमिशन) और एटीएंडसी के नुकसान को कम किया जा सकेगा। इसके अलावा बिजली की आपूर्ति और वसूली के बीच के अंतर को समाप्‍त किया जा सकेगा। इस दौरान एटीएंडसी और ट्रांसमिशन नुकसान में क्रमश: 15 प्रतिशत और 3.50 प्रतिशत की कमी लाकर 453 करोड़ रूपए का अतिरिक्‍त राजस्‍व जुटाया जा सकेगा।

‘उदय’ के तहत ध्‍यान दिए जाने वाले बिंदुओं में से ऊर्जा दक्षता एक है। पीक लोड घटाने और ऊर्जा खपत को कम करने के लिए सिक्किम सरकार ऊर्जा दक्षता वाले एलईडी बल्‍बों, कृषि पंपों, पंखों एवं एयर कंडीशनरों, कुशल औद्योगिक उपकरणों को पीएटी (परफार्म, एचीव, ट्रेड) के जरिए बढ़ावा देगी। इससे लगभग 25 करोड़ रूपए की बचत होने का अनुमान हैं।

एक तरफ जहां राज्‍य सरकार द्वारा डिस्‍कॉम्स की परिचालन दक्षता में सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं और आगे बिजली आपूर्ति की लागत घटाई जाएगी वहीं केंद्र सरकार भी राज्‍य में बिजली के बुनियादी ढांचे में सुधार और आगे बिजली की लागत को कम करने के लिए डिस्‍कॉम्‍स और राज्‍य सरकार को प्रोत्‍साहन प्रदान करेगी। डीडीयूजीजेवाई, आईपीडीएस जैसी केंद्रीय योजनाएं, ऊर्जा क्षेत्र विकास निधि अथवा ऊर्जा मंत्रालय की अन्‍य योजनाएं और एमएनआरई, राज्‍य में ऊर्जा क्षेत्र के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए पहले से ही धन उपलब्‍ध करा रही हैं। अगर राज्‍य/डिस्‍कॉम्‍स योजनाओं के तहत निर्धारित परिचालन लक्ष्‍य को प्राप्‍त करते हैं तो उन्‍हें अतिरिक्‍त/प्राथमिकता के आधार पर भी अनुदान उपलब्‍ध कराने पर विचार किया जाएगा।

इस एमओयू पर हस्‍ताक्षर होने का सबसे बड़ा लाभ सिक्किम के लोगों को होगा। डिस्‍कॉम्‍स द्वारा बिजली की उच्‍च मांग का अर्थ उत्‍पादन इकाइयों में अधिक पीएलएफ से होगा और ऐसा इसलिए बिजली की प्रति यूनिट की कम लागत का लाभ उपभोक्‍ताओं को मिलेगा। डिस्‍कॉम्‍स एटीएंडसी नुकसान वाले क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति में वृद्धि करेगा। इस योजना से सिक्किम के अब भी बिजली से महरूम घरों में किफायती और त्वरित बिजली उपलब्‍ध कराने में मदद मिलेगी। बिजली से दूर गांवों/परिवारों को चौबीसों घंटे बिजली की आपूर्ति से अर्थव्‍यवस्‍था को बल और उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। इससे रोजगार के अवसरों में सुधार आयेगा और राज्य के लोगों के जीवन में सुधार आएगा।

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