प्रतापगढ(प्रमोद श्रीवास्तव) पट्टी के उड़ैयाडीह बाजार में हुई एक दर्दनाक घटना ने जहां लोगों को व्यथित कर दिया, वहीं उन लोगों को सबक भी दे गई जो अपने मासूम बच्चों को लेकर लापरवाह हैं। यदि आपके घर में भी छोटे बच्चे हैं तो उनकी सुरक्षा को लेकर सतर्क रहिए। उड़ैयाडीह में दोपहर के वक्त रजाई-गद्दे के नीचे दबने से पांच माह के बच्चे की मौत हो गई।
मां ने तेल मालिश करने के बाद उसे धूप में चारपाई पर लेटाया और मक्ख्यिों से बचाने के लिए शाल से ढककर चली गई। इस बीच घरवाले भीतर से रजाई-गद़दे लेकर आए और लापरवाही में बच्चे के ऊपर ही रख दिया। दम घुटने के कारण उसने दम तोड़ दिया। घटना की जानकारी होने के बाद घर में रोना-पिटना मच गया।
स्थानीय बाजार निवासी मकसूद की दो बेटियां हैं। करीब पांच माह पहले उसके घर में बेटा जैद पैदा हुआ तो पूरा परिवार खुशी से चहक उठा। इकलौते बेटे के पैदा होने पर परिवार के लोगों ने खूब जश्र मनाया। दावत दी। हर कोई उसे बेहद चाहता था। बुधवार को मासूम जैद के शरीर पर तेल की मालिश करने के बाद मां ने उसे घर के बाहर चारपाई पर सुला दिया।
मक्खियों से बेटे की नींद में खलल न पड़े, इसलिए ऊपर से शाल डाल दी। ग्रामीणों के मुताबिक कुछ देर बाद परिवार का कोई सदस्य घर के भीतर से तीन-चार रजाई गद्दे और कंबल लेकर आया और उसी चारपाई पर रखकर चला गया। मासूम जैद उसके नीचे दब गया। करीब दो घंटे तक दबे रहने के कारण वह चीख भी नहीं सका और दम घुटने के कारण उसकी मौत हो गई। दो घंटे बाद जब उसकी मां खोजते हुए पहुंची तो रजाई-गद्दा हटाया, लेकिन उसकी सांसें थम चुकी थीं। वह बदहवास होकर बिलख पड़ी। रोने की आवाज सुनकर परिवार के अन्य सदस्य दौड़ पड़े। वे जैद को अस्पताल ले गए, जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
मां ने तेल मालिश करने के बाद उसे धूप में चारपाई पर लेटाया और मक्ख्यिों से बचाने के लिए शाल से ढककर चली गई। इस बीच घरवाले भीतर से रजाई-गद़दे लेकर आए और लापरवाही में बच्चे के ऊपर ही रख दिया। दम घुटने के कारण उसने दम तोड़ दिया। घटना की जानकारी होने के बाद घर में रोना-पिटना मच गया।
स्थानीय बाजार निवासी मकसूद की दो बेटियां हैं। करीब पांच माह पहले उसके घर में बेटा जैद पैदा हुआ तो पूरा परिवार खुशी से चहक उठा। इकलौते बेटे के पैदा होने पर परिवार के लोगों ने खूब जश्र मनाया। दावत दी। हर कोई उसे बेहद चाहता था। बुधवार को मासूम जैद के शरीर पर तेल की मालिश करने के बाद मां ने उसे घर के बाहर चारपाई पर सुला दिया।
मक्खियों से बेटे की नींद में खलल न पड़े, इसलिए ऊपर से शाल डाल दी। ग्रामीणों के मुताबिक कुछ देर बाद परिवार का कोई सदस्य घर के भीतर से तीन-चार रजाई गद्दे और कंबल लेकर आया और उसी चारपाई पर रखकर चला गया। मासूम जैद उसके नीचे दब गया। करीब दो घंटे तक दबे रहने के कारण वह चीख भी नहीं सका और दम घुटने के कारण उसकी मौत हो गई। दो घंटे बाद जब उसकी मां खोजते हुए पहुंची तो रजाई-गद्दा हटाया, लेकिन उसकी सांसें थम चुकी थीं। वह बदहवास होकर बिलख पड़ी। रोने की आवाज सुनकर परिवार के अन्य सदस्य दौड़ पड़े। वे जैद को अस्पताल ले गए, जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
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