विरार :-( आर आर सिंह )अधिकतर बच्चे अपने माता पिता का जब देखभाल या सेवा करने का समय आता है तो उन्हें या तो उन्हें अलग रहने के लिए मजबूर कर देते है ।या उन्हें किसी वृद्धा आश्रम में ले जाकर छोड़ आते है ।ऐसा ही एक आश्रम बाबा भास्कर पवार वृद्धाश्रम में अपने परिवार से दूर, अपने ही बच्चों के प्यार के मोहताज, हमउम्र बुजुर्गो के साथ जीवन बिता रहे वृद्धजनों के साथ वसई विरार शहर के स्थानिय पत्रकारों और समाजसेवकों ने एक अविस्मरणीय अंदाज में अपने नए साल की शुरुआत किया।
गौरतलब हो कि राष्ट्रीय महामार्ग क्रमांक 8पर स्थित वसई विरार महानगर पालिका के क्षेत्र में वृद्धजनों की सेवा के उद्देश्य से बाबा भास्कर पवार वृद्धाआश्रम ट्रस्ट की स्थापना किया गया है। ट्रस्ट के संचालक भास्कर पवार जी के अनुसार ट्रस्ट में उन सभी वृद्ध पुरुषों एवं महिलाओं की देख रेख किया जाता है, जिनकी जिम्मेदारी या तो उनके परिजन उठा नही पाते या किसी कारणवश उठाना नही चाहते।
अपने परिजनों से दूर ऐसे बुजुर्ग जिनके लिए त्यौहार और नववर्ष का कोई मायने नही रह गया है, उनके साथ नया साल मनाने के लिए आर टी आई कार्यकर्ता दीपक उपाध्याय, अपने सहयोगी पत्रकार अजहर शेख, प्रेयस सावंत, स्थानिय समाजसेविका अरुणा वाघेला एवं अन्य मित्रजनों के साथ उक्त वृद्धाआश्रम पहुंचे। दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले कई तरह के सामान भी उन वृद्धजनो में वितरित किया गया ।
गौरतलब हो कि राष्ट्रीय महामार्ग क्रमांक 8पर स्थित वसई विरार महानगर पालिका के क्षेत्र में वृद्धजनों की सेवा के उद्देश्य से बाबा भास्कर पवार वृद्धाआश्रम ट्रस्ट की स्थापना किया गया है। ट्रस्ट के संचालक भास्कर पवार जी के अनुसार ट्रस्ट में उन सभी वृद्ध पुरुषों एवं महिलाओं की देख रेख किया जाता है, जिनकी जिम्मेदारी या तो उनके परिजन उठा नही पाते या किसी कारणवश उठाना नही चाहते।
अपने परिजनों से दूर ऐसे बुजुर्ग जिनके लिए त्यौहार और नववर्ष का कोई मायने नही रह गया है, उनके साथ नया साल मनाने के लिए आर टी आई कार्यकर्ता दीपक उपाध्याय, अपने सहयोगी पत्रकार अजहर शेख, प्रेयस सावंत, स्थानिय समाजसेविका अरुणा वाघेला एवं अन्य मित्रजनों के साथ उक्त वृद्धाआश्रम पहुंचे। दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले कई तरह के सामान भी उन वृद्धजनो में वितरित किया गया ।
Post a Comment
Blogger Facebook