प्रतापगढ़. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कृष्णा पटेल को अपना दल का राष्ट्रीय अध्यक्ष मानने से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग अब इस मामले में फैसला करे। बता दें कि कृष्णा पटेल ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की थी। वहीं इस फैसले के बाद पूर्वांचल में कृष्णा पटेल गुट के समर्थकों को करारा झटका लगा है।
बता दें कि हाईकोर्ट ने इस संबंध में दोनों पक्षों की दलील सुनी और इसके बाद यह फैसला सुनाया। बीते 5 दिसंबर को भी अपना दल का रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने के लिए दायर की गई याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दिया था।
कृष्णा पटेल इन दिनों पूर्वांचल में यूपी चुनाव को लेकर काफी जोर- शोर से जुटी हैं और किसानों को लेकर रथ यात्रा भी निकाल रही हैं।
बता दें कि बेटी अनुप्रिया और मां कृष्णा पटेल में अपना दल के स्वामित्व को लेकर काफी दिनों से जंग चल रही थी। जहां अनुप्रिया पटेल अपने आप को पार्टी का उत्तराधिकारी मानती हैं, वहीं मां कृष्णा पटेल का कहना है कि वह पार्टी की अध्यक्ष हैं। कृष्णा पटेल का कहना है कि अनुप्रिया को पार्टी से बहुत पहले निकाला जा चुका है लिहाजा अब उनका पार्टी से कोई लेना देना नहीं है। देखते-देखते मां-बेटी में ऐसी दूरियां बढ़ीं कि मामला भारत निर्वाचन आयोग तक पहुंचा।
बता दें कि हाईकोर्ट ने इस संबंध में दोनों पक्षों की दलील सुनी और इसके बाद यह फैसला सुनाया। बीते 5 दिसंबर को भी अपना दल का रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने के लिए दायर की गई याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दिया था।
कृष्णा पटेल इन दिनों पूर्वांचल में यूपी चुनाव को लेकर काफी जोर- शोर से जुटी हैं और किसानों को लेकर रथ यात्रा भी निकाल रही हैं।
बता दें कि बेटी अनुप्रिया और मां कृष्णा पटेल में अपना दल के स्वामित्व को लेकर काफी दिनों से जंग चल रही थी। जहां अनुप्रिया पटेल अपने आप को पार्टी का उत्तराधिकारी मानती हैं, वहीं मां कृष्णा पटेल का कहना है कि वह पार्टी की अध्यक्ष हैं। कृष्णा पटेल का कहना है कि अनुप्रिया को पार्टी से बहुत पहले निकाला जा चुका है लिहाजा अब उनका पार्टी से कोई लेना देना नहीं है। देखते-देखते मां-बेटी में ऐसी दूरियां बढ़ीं कि मामला भारत निर्वाचन आयोग तक पहुंचा।
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