Ads (728x90)

आगरा। ‘दृष्टि कनेक्‍ट’ वेबसाइट ऐसे ही लोगों की समस्‍याओं का समाधान करेगा। इसके बीटा वर्जन की लांचिंग बुधवार को ग्रांड होटल में आयोजित समारोह में हुई। इसके सहारे नेत्रहीन लोग अपनी शैक्षणिक व सामाजिक सहायता के लिए वॉलेंटियर से संपर्क कर सकेंगे। ताकि उनकी जिंदगी बेहतर हो सके।
अंतरदृष्‍टी के मैनेजिंग ट्रस्‍टी अखिल श्रीवास्‍तव ने इस दौरान कहा कि हमने टेक्‍नोलॉजी का सहारा लेकर नेत्रहीनों के सहयोग के लिए देश स्‍तरीय प्‍लेटफॉर्म बनाया गया है।
अंतरदृष्‍टि‍ की दृष्टिहीन वॉलेंटियर सिप्‍पी गुप्‍ता ने समारोह में ‘दृष्टि कनेक्‍ट’ का उपयोग करके दिखाया। उन्‍होंने कहा कि यह एक वेब आधारित रिसार्स हब है। इसमें नेत्रहीन लोगों को साइनअप करना होगा। यह केवल स्‍क्राइब (राइटर) के लिए ही नहीं है, बल्कि इसके माध्‍यम से दृष्टिहीन जीवन में आने वाली छोटी-छोटी समस्‍याओं का समाधान वॉलेंटियर्स के माध्‍यम से कर सकेंगे।
उन्‍होंने कहा कि अगर कोई नेत्रहीन कोई एग्‍जाम देना चाहता है तो उसे राइटर मिलने में काफी दिक्‍कतें होती हैं। खासकर दूसरे शहरों के लिए राइटर को ले जाना खर्चीला काम होता है। ‘दृष्टि‍ कनेक्‍ट’ की सहायता से उसी शहर के वॉलेंटियर नेत्रहीनों को मिल सकेंगे। ताकि वे छोटी-छोटी बाधाओं को पार करते हुए कॅरियर संवार सकें।
उदाहरण के लिए यदि किसी दृष्टिहीन को बैंक में अकाउंट खुलवाना है, लेकिन बैंक मैनेजर अकाउंट खोलने को तैयार नहीं है और काफी जद्दोजहद के बाद दृष्टिहीनों के अकाउंट खोलने का आरबीआई का सर्कुलर मांगता है, तो ‘दृष्टि कनेक्‍ट’ के माध्‍यम से नेत्रहीन इस सर्कुलर को प्राप्‍त कर सकता है।
कार्यक्रम में वॉलेंटियर और दृष्टिहीनों को जोड़ने के लिए श्रीधर उपाध्‍याय, सिप्‍पी गुप्‍ता,श्रेया गुप्‍ता ने दो पोस्‍टर का विमोचन किया गया।


ऐसे बना ‘दृष्टि कनेक्‍ट’
आगरा में वर्ष 2014 में अंतरदृष्टि द्वारा तीन दिवसीय सम्‍मेलन करवाया गया था। इसमें देश भर के डेढ़ सौ से ज्‍यादा सेल्‍फ डिपेंडेंट नेत्रहीनों ने अपनी समस्‍याओं से संबंधित विचार विमर्श किया था। इसी दौरान अंतरदृष्‍टि ने अपने 10 साल के अनुभवों से सीख लेते हुए एक प्‍लेटफॉर्म की जरूरत महसूस की, जो दृष्टिहीनों को समाज की मुख्‍य धारा में शामिल कर सके।
इस मुहिम को गति प्रदान हुई जब अमेरिका की अनिता बॉर्ग इंस्‍टीट्यूट द्वारा आयोजित कांटेस्‍ट, जिसमें देशभर में टेक्‍नोलॉजी से जुड़ी महिलाएं भागिदारी करती हैं, ने अंतरदृष्‍टि की इस जरूरत को पूरा करने का बीड़ा उठाया।
इस कांटेस्‍ट में देशभर से छह प्रोफेशनल्‍स टीमों ने भागिदारी की और दो टीमें, जिसमें पे पॉल कंपनी में काम करने वाली आयशा मुश्‍तफा की टीम और सिस्‍को में काम करने वाली अमूल्‍य किशोर की टीम के एप को बेहतरीन माना गया। अंतरदृष्टि ने भी आयश मुस्‍तफा वाली टीम के बनाए एप को चुना और एक और टीम तैयार की, जिसमें देशभर से छह नेत्रहीनों को चुना गया। इस पर काम शुरू हुआ। इस काम को अंजाम देने में करीब एक साल का वक्‍त लगा।

डेवलपर : मुस्‍तफा आयशा, बिजा प्रत्युषा, एम वर्धनी,फातिमा शाहवाना, तमिल पवई राममू‍र्ति
 टीम का सहयोगी : नेहा अग्रवाल, रिचिता श्रीवास्तव,दिव्या शर्मा, शिरीन ईरानी, इफत सिद्दीकी, सिप्पी गुप्ता,स्मृति शेखर, रीता पटनायक, अविनाश शाही, विवेक गुप्ता

Post a Comment

Blogger