Ads (728x90)

एफ-सेक्योर का अनुमान है कि 2017 में साइबर अपराधी भारत में मोबाइल वॉलेट्स, पॉइंट-ऑफ-सेल्स और बैंकिंग को निशाना बना सकते हैं

मुंबई, 23 जनवरी 2017: यूरोप की जानीमानी साइबर सुरक्षा कंपनी एफ-सेक्योर ने आज खुलासा किया कि विमुद्रीकरण के बाद 2017 में भारत साइबर अपराधियों के निशाने पर रहेगा, अनुमान है कि पॉइंट-ऑफ-सेल्स और बैंकिंग पर लक्ष्य किया जाएगा और खास तौर पर मोबाइल वॉलेट्स को ज्यादा जोखिम रहेगा। कंपनी ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट ’’थ्रैट लैंडस्केप इंडिया 2016 एंड बियोंड’’ में बताया है कि विमुद्रीकरण के बाद एंड्रॉइड आधारित स्मार्टफोन सबसे ज्यादा साइबर हमले झेल रहे हैं। भारत सरकार द्वारा पिछले साल नवंबर में नोटबंदी किए जाने के बाद से स्मार्टफोन आधारित साइबर हमलों की तादाद में इजाफा देखने में आया है।

2016 की अंतिम तिमाही के दौरान ऑनलाइन/डिजिटल भुगतान प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल बढ़ा है, साथ ही प्लास्टिक मनी व मोबाइल वॉलेट्स का उपयोग भी ज्यादा किया गया क्योंकि नकदी की किल्लत हो गई थी। इसके बाद पॉइंट-ऑफ-सेल्स और बैंकिंग मैलवेयर में बढ़ोतरी हो गई।

इस रिपोर्ट के खुलासों पर एफ-सेक्योर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष व सीईओ श्री सामू कोंटिनेन ने कहा, ’’एंड्रॉइड प्रयोक्ताओं पर साइबर हमलों का बढ़ना कोई छुपी हुई बात नहीं है। भारत में जिस तरह से ऑनलाइन लेनदेन बढ़ रहा है उसके मद्देनजर मामला चिंताजनक हो गया है। देश में 1 अरब से ज्यादा मोबाइल प्रयोक्ता हैं लेकिन इंटरनेट या वीपीएन के उपयोग पर कोई बड़ी पाबंदी नहीं है, भारत में सुरक्षा उत्पादों को अपनाए जाने की बेहद सख्त जरूरत है।’’

इस रिपोर्ट ने यह भी बताया कि भारत में लोग ऑनलाइन रहने के लिए मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। पर्सनल कंप्यूटर पर ब्राउजिंग करने के बजाय भारतीय स्मार्टफोन को तरजीह देते हैं। विमुद्रीकरण के बाद से लोगों ने मोबाइल वॉलेट का इस्तेमाल बढ़ा दिया है जिनमें टेलीकॉम कंपनियों के वॉलेट, स्वतंत्र वॉलेट और बैंकों के वॉलेट आदि शामिल हैं। लोग अपने मोबाइल में अलग-अलग वॉलेट भी रखने लगे हैं क्योंकि अलग-अलग विक्रेता व स्टोर अलग-अलग वॉलेट इस्तेमाल करते हैं। मोबाइल वैब और मोबाइल वॉलेट आधारित लेनदेन के बढ़ते इस्तेमाल ने नए किस्म के खतरों की संभावना को जन्म दे दिया है। भारतीय स्मार्टफोन प्रयोक्ता जिन बड़े खतरों का सामना कर रहे हैं वे हैं- एयरपुश, डावजिन, फेकऐप, एसएमएस पे और एसएमएसरेज।

सबसे आम हैं रिस्कवेयर और ऐडवेयर जैसेः

एयरपुश - जब प्रयोक्ता सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क का इस्तेमाल करते हुए वैब या वॉलेट ऐप्स से लेनदेन करते हैं तब साइबर हमलावर उनके मोबाइल फोन और ऐप्स पर हमला करते हैं

फेकऐप - धोखेबाज़ ऐप जो असली जैसे दिखते हैं

एसएमएस रेज - साइबर अपराधी वित्तीय लेनदेन के वक्त भेजे जाने वाले उन एसएमएस पर निगाह रखते हैं जिनमें वन टाइम पार्सवर्ड होता है।

भारत में इंटरनेट सुरक्षा की स्थिति के मद्देनजर एफ-सेक्योर फ्रीडम और सेफ आदर्श सुरक्षा समाधान साबित होंगे।

Post a Comment

Blogger