महाराष्ट्र राज्य ओबीसी आयोग के सदस्यों की संख्या में बढ़ोत्तरी की गयी है, जो पहले 6 थे जिसे बढाकर 8 कर दिया गया है इन बाबत अधिनियम में सुधार कर नया अध्यादेश को आज मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी
दी गयी। इस निर्णय के बाद अब आयोग की रचना अध्यक्ष, तज्ज्ञ सदस्य और 6 राजस्व विभाग के आठ सदस्य ऐसे होंगे। महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम-2005 का कलम 3 अनुसार राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग स्थापित किया जाता है जिसमे अध्यक्ष, तज्ज्ञ सदस्य और राज्य के 6 राजस्व विभाग के, कुल मिलाकर 8 लोग रहते है। इस अधिनियम में सुधार करके कलम 3(2)(ग) में आयोग के सदस्य संख्या को 6 से बढाकर आठ करने को आज मान्यता दी गई है। जिसके लिए कलम 3(2)(ग) में बदलाव किया गया है। इस अधिनियम के अनुसार राज्य के 6 राजस्व विभाग से कुल आठ सदस्य लिए जायेंगे। जिसमे हर एक विभाग से कम से कम एक सदस्य लेना जरुरी है। ये सदस्य ओबीसी संबंधित विशेष ज्ञान होना जरुरी है। इसलिए आयोग में अब अध्यक्ष, तज्ज्ञ सदस्य और 6 राजस्व विभाग के कुल आठ सदस्य को मिलाकर
10 पदाधिकारियों का समावेश है।
दी गयी। इस निर्णय के बाद अब आयोग की रचना अध्यक्ष, तज्ज्ञ सदस्य और 6 राजस्व विभाग के आठ सदस्य ऐसे होंगे। महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम-2005 का कलम 3 अनुसार राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग स्थापित किया जाता है जिसमे अध्यक्ष, तज्ज्ञ सदस्य और राज्य के 6 राजस्व विभाग के, कुल मिलाकर 8 लोग रहते है। इस अधिनियम में सुधार करके कलम 3(2)(ग) में आयोग के सदस्य संख्या को 6 से बढाकर आठ करने को आज मान्यता दी गई है। जिसके लिए कलम 3(2)(ग) में बदलाव किया गया है। इस अधिनियम के अनुसार राज्य के 6 राजस्व विभाग से कुल आठ सदस्य लिए जायेंगे। जिसमे हर एक विभाग से कम से कम एक सदस्य लेना जरुरी है। ये सदस्य ओबीसी संबंधित विशेष ज्ञान होना जरुरी है। इसलिए आयोग में अब अध्यक्ष, तज्ज्ञ सदस्य और 6 राजस्व विभाग के कुल आठ सदस्य को मिलाकर
10 पदाधिकारियों का समावेश है।
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