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मुंबई  -  मुंबई महापालिका के उत्पन्न्न का मुख्य सोर्स रही जकात बंद होने के कारण मुंबई महापालिका को उत्पन्न का नया रास्ता खोजते समय शिवसेना पार्टी के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने चुनाव के समयपर पत्रकार परिषद लेकर 500 वर्ग फुट के मकानों को मालमत्ता कर माफ किये जाने की घोषणा किया है. यह होनेपर महापालिका का उत्पन्न कम होगा और लगभग चार सौ करोड़ का आर्थिक नुकशान पलिका को होने वाला है.  मुंबई महापालिका के खजाने में सबसे अधिक रुपया जकात के माध्यम से जमा होता है. वर्षमें सात हजार करोड़ रुपये का उत्पन्न पालिका को मिलता है. लेकिन अब जकात बंद होकर जीएसटी लागू होनेपर पालिका के खजाने पर परिणाम होनेवाला है. जिसमे मालमत्ता कर से मिलनेवाले रूपये में पालिका का आधार था. पिछले वर्ष पालिका के पास 4 हजार 900 करोड का मालमत्ता कर जमा हुवा था. इसबार 5 हजार 400 करोड़ तक मालमत्ता कर वसूल किये जाने का पालिका का इरादा था. फिलहाल शिवसेना पार्टी प्रमुख उध्दव ठाकरे ने पत्रकार परिषद में 500 वर्ग. फुट तक के मकानों को मालमत्ता कर से मुक्त किये जाने के लिए कहा है. और 700 वर्ग फुट तक के मकानों को रियायत देने से यह बोझा और लगभग दो सौ करोड़ बढ़ने वाला है.  यह निर्णय लागू होनेपर पालिका को 400 से अधिक करोड़ का आर्थिक नुकशान होने वाला है.  जकात बंद होने पर  पालिका को वर्ष में मिलने वाला 7 हजार करोड़ का उत्पन्न बंद होने से पालिका का यह नुकशान किस तरह भरेंगे यह प्रश्न है. यह नुकशान की भरपाई किये जाने के लिए  पालिका विविध पर्याय खोजते समय मालमत्ता कर माफीका गाजर दिखाया जा रहा है.  फ़िलहाल मुंबई में व्यावसायिक व निवासी 30 लाख  गाले, और मकान है. जिसमे से 500 वर्ग फुट तक के लगभग प 15 लाख मकानों का समावेश है. इससे , जकात, मालमत्ताकरमाफी और रियायत के बाद महापालिका के उत्पन्न का संतुलन रखने के लिए साधारण साडेसातहजार करोड़ के आसपास पर्यायी व्यवस्था करना पड़ेगा. और इस करमाफी का बोझा कमर्शिअल व 500 वर्ग फुट से अधिक मकानों पर  बोझा पडने वाला है, और पालिका द्वारा शुरू किये गए बड़े प्रकल्प पर भी इसका परिणाम होने की संभावना है .

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