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एसपी ईमानदार पर महकमा लगा रहा धब्बा

मीरजापुर। (सन्तोष देव गिरि) बेशक पुलिस अधीक्षक मीरजापुर कलानिधि नैथानी ईमानदार और न्यायप्रिय है, उनकी इस कार्यशैली का ही असर है कि कई घटनाओं का न केवल उन्होंने खुलासा किया है अपितु महकमें को भी अपने आचरण में सुधार लाने की सख्त चेतवानी दे दी थी इस जनपद की कमान संभालते ही, लेकिन कुछ ऐसे वर्दीधारी है जिन्हें पुलिस कप्तान के इस सख्ती का जरा भी परवाह नहीं है। बीच सड़क पर चंद रूपयों की खातिर वर्दी की गरिमा को गिराने का काम कुछ वर्दीधारियों द्वारा बेखौफ होकर किया जा रहा है वह भी महज 20 से लेकर 40 रूपए के लिए। जी हां यह हम नहीं कह रहे है बल्कि आंखों देखा हाल बताया जा रहा है। इसकी बानगी भी देखते बनी सुबह तकरीबन 7.20 बजे स्थान रहा रोडवेज तिराहा जहां पशुओं के चारा (भूसा) लदे एक पीकअप को तिराहे पर स्थित पुलिस बूथ के होमगार्ड जवान ने रूकवा लिया और तब तक उस वाहन को आगे बढ़ने नहीं दिया जब तक की उसे 40 रूपया मिल नहीं गया। मौके पर कुछ देर के लिए वाहनों का जाम लग गया बल्कि यह नजारा देख कई लोगों को वर्दी के इस दूसरे रूप को देख घृणा भी होने लगी और सवाल उठने लगे कि आखिरकार कैसे न खत्म हो पुलिस का इकबाल जब बीच सड़क वर्दीधारी बीस और चालीस के लिए सुरक्षा का दायित्व छोड़ अवैध वसूली करने लगेगें! यह नजारा कोई नया नहीं है बल्कि काफी पुराना है। यहां हर दिन पशुओं के चारा लदे वाहन से लेकर पत्थर के बोल्डर लदे वाहन आदि से लेकर बड़े वाहनों से एक तरह से इन्ट्री शुल्क वूसल किया जाता है वह भी बेखौफ होकर। आज सुबह भी नजारा कुछ ऐसा ही रहा जब भूसा लदा पीकअप ज्यों ही रोडवेज तिराहा पार कर आवास विकास मार्ग की ओर बढ़ने को हुआ था कि त्यों ही पुलिस बूथ पर तैनात एक होमगार्ड का जवान तपाक से उस वाहन के आगे आकर गाड़ी को रूकवाने के बाद चालक से सुविधा शुल्क की मांग करने लगा। चालक द्वारा इंकार करने पर वह तनकर गाड़ी के आगे खड़ा हो गया और मोबाइल पर किसी से बात करने लगा। बाद में मोबाइल पर चालक की बात भी कराया और 40 रूपया लेने के बाद उक्त गाड़ी को आगे रवाना होने दिया। अब उसने किससे बात कराया यह तो नहीं पता लेकिन इस दौरान वहां कुछ देर के लिए आवागमन एक प्रकार से थम गया था। लोगबाग इस नजारें को बड़े गौर से देख रहे थे। कुछ लोगों के लिए यह नजारा तो रोज का रहा जिनसे कोई लेना देना नहीं था, लेकिन कुछ लोगों को चकित करने वाला रहा। खासकर जो वर्दी के इस रूप को कभी देखे नहीं थे और वह इसका सम्मान करते है। उन्हें यह दृश्य देख न केवल ठेस पहुंचा, बल्कि बरबस ही उनकी जुबान से यह शब्द फूट पड़े के आखिरकार किसके इशारे पर यह अवैध वूसली हो रही है। यदि किसी का आदेश नहीं है तो यह कैसे बेखौफ होकर जनमानस के बीच सरेराह वर्दी की गरिमा को धूमिल करने का काम कर रहे है। बताते चले कि कटरा कोतवाली अन्र्तगत रोडवेत तिराहा स्थित पुलिस बूथ पर यह नजारा अक्सर देखने को मिलता है। मजे कि बात है कि इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। अक्सर इसी राह से पुलिस से लेकर जिला प्रशासन तक के अधिकारियों का आना जाना होता है, लेकिन किसी की भी नजर इस ओर नहीं जा रही है। पुलिस बूथ के ही सामने प्राइवेट वाहनों को खड़ा कर सवारी भरा जाता है जिससे जाम लगा करता है। यह सबकुछ पुलिस बूथ पर तैनात वर्दीधारियों के सामने होता है, लेकिन कोई चूं तक नहीं करता है कार्रवाई करने की तो बात ही जुदा है।

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