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इस वर्ष के गणतंत्र दिवस परेड समारोह में तीन सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय और नागपुर के दक्षिण, मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र से 600 से अधिक छात्र एवं छात्राएं भाग ले रहे हैं।

‘तिरंगा साक्षी है’ विषय के साथ राष्ट्रीय तिरंगे पर आधारित एक नृत्य का प्रदर्शन दिल्ली के प्रीतमपुरा स्थित केंद्रीय विद्यालय के 162 छात्र और छात्राएं करेंगे। उनकी नृत्य प्रस्तुति से अपार आनंद और उत्साह का अनुभव होगा और साथ ही वे हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की गौरवशाली वीरगाथाओं, भारतीय लोकतंत्र के गठन, भारतीयों के अपार स्नेह, महिला सशक्तिकरण और ऐसी ही अनगिनत उपलब्धियों के साक्षी रहे राष्ट्रीय ध्वज का संदेश भी देंगे।



चिराग दिल्ली के सर्वोदय कन्या विद्यालय के 150 छात्र हमारे देश के युवाओं को समर्पित एक गीत और नृत्य का प्रदर्शन करेंगे, जिन्होंने देश को सफलता और विकास के पथ पर ले जाने का अटूट प्रयास किया है। युवा सहभागी इस प्रस्तुति के माध्यम से हमारे नागरिकों को वैश्विक मंच पर राष्ट्र को अग्रणी बनाने और प्रगति के पथ पर नेतृत्व करने और राष्ट्र के उत्थान में युवा शक्ति की सेवाओं को समर्पित करने का संदेश देंगे। नृत्य प्रदर्शन के दौरान ‘विविधता में एकता’ जैसी भारत की अनूठी विशेषता को भी प्रदर्शित किया जाएगा।





नागपुर के दक्षिण-मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के 165 छात्र मध्य प्रदेश में लोकप्रिय ‘सैला कर्मा’ नृत्य की प्रस्तुति देंगे, जिसका शुभारंभ भगवान सूर्य देव की उपासना से होता है। सैला नृत्य मध्यप्रदेश में डिंडोरी जिले की गोंड जनजाति का लोकप्रिय नृत्य है।



दिल्ली के रोहिणी में सेक्टर-5 स्थित माउंट आबू पब्लिक स्कूल के 150 छात्र असमी नृत्य शैली पर आधारित एक नृत्य प्रस्तुति देंगे। यह प्रस्तुति प्रसिद्ध असमी नृत्य शैली ‘सत्त्रिया’ पर आधारित है। इस नृत्य के माध्यम से माउंट आबू पब्लिक स्कूल के ऊर्जावान छात्र सर्वशक्तिमान ईश्वर और उनकी विशिष्ट संरचना के प्रति सकारात्मक जीवन शक्ति के भाव को प्रस्तुत करेंगे।

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