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मुंबई, 28 दिसंबर, 2016: रिटेलरों, वितरकों और निर्माताओं के लिए पारंपरिक रिटेल वितरण प्रणालियों में ऑर्डर पूर्ति प्रक्रियाओं में बदलाव लाने वाले ऑन-क्लाउड बी2बी मार्केटप्लेस शूटैंग ने घोशणा की है कि उसकी ‘गो कैशलेस’ पहल को शानदार प्रतिक्रिया मिली है। इस पहल का मकसद सरकार द्वारा नोटबंदी की पहल के बाद पैदा हुई नकदी किल्लत से रिटेलरों के व्यवसाय को प्रभावित होने से बचाना है। भारतीय रिटेल उद्योग अर्थव्यवस्था में नकदी की किल्लत की वजह से अल्पावधि में नकारात्मक रूप से प्रभावित हुआ है। शूटैंग अपने रिटेलरों को डिजिटल भुगतान में सक्षम बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है जिससे कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके व्यवसाय नकदी किल्लत से प्रभावित नहीं हों। नोटबंदी की घोषणा के बाद से कंपनी ने कैशलेस मोड में 76 प्रतिशत लेनदेन दर्ज किए हैं। यह उस स्थिति में एक बड़ा बदलाव है जब रिटेल वितरण उद्योग पारंपरिक रूप से खासतौर पर नकदी में परिचालन करता रहा है।




इस पहल पर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शूटैंग के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनीश बसु ने कहा, ‘सरकार की नोटबंदी की घोषणा के बाद 86 प्रतिषत मुद्रा वाणिज्यिक लेनदेन के लिहाज से अवैध बन गई है। इस वजह से मुख्य रूप से नकद लेनदेन पर निर्भर रहने वाले हमारे देश में रिटेलर और आपूर्तिकर्ताओं को समस्याओं का सामना करना पड़ा है। नोटबंदी की वजह से उन्हें अपने पारंपरिक वितरण चैनलों से माल खरीदने में कठिनाई हो रही है। हम इन रिटेलरों को अपने प्लेटफाॅर्म पर कई भुगतान विकल्प मुहैया करा रहे हें जिससे कि उनका व्यवसाय नोटबंदी से प्रभावित न हो। दिलचस्प बात यह है कि हमारी यह पहल काफी हद तक सफल रही है और हमने डिजिटल लेनदेन की मात्रा में शानदार 6 गुना की वृद्धि दर्ज की है। हम रिटेलरों के भुगतान को डिजिटल में तब्दील कर उनकी मदद के लिए प्रतिबद्ध हैं।’

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