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भिवंडी ( एम हुसेन ) ठाणे व पालघर जिले के असंख्य किसान चार महीने धान की खेती करते हैं उसके बाद लगभग आठ महीना अपने खेतों में ईट भट्टी जोडधंदा करके अपना सपरिवार पालनपोषण करते हैं . परंतु वर्तमान में असंख्य बांधकाम व्यावसायिक तैयार सफोरेक्स ब्लॉक का प्रयोग कर अपने समय व पैसों की बचत कर रहे हैं , इस पारंपरिक मिट्टी से ईट बनाने वाले उत्पादकों पर संकट के बादल छा गए हैं , और इस ईटभट्टी के माध्यम से दोनों जिलों के हजारो अशिक्षित आदिवासी समाज बंधुओं को रोजगार उपलब्ध होता था जिनका रोजगार गया तथा शासन द्वारा रॉयल्टी के माध्यम से मिलने वाला उत्पन्न भी डूब गया है परिणामस्वरूप ईट उत्पादक के समक्ष गंभीर चिंता का समय आया है उक्त गंभीर समस्या के समाधान के लिए जल्द ही दोनों जिलों में न्याय के मार्ग से आंदोलन करने की चेतावनी देते हुए कोकण विभागीय ईट उत्पादक व यातायात चालक मालक संघटना के अध्यक्ष कुंदन पाटिल ने भिवंडी में आयोजित सभा घोषणा की है .
मिट्टी से बनाई जाने वाली ईट मजबूत व आग प्रतिबंधक होती है तथा इससे होने वाले बांधकाम मजबूत व टिकाऊ होता है यह बताते हुए कहा कि सफोरेक्स सीमेंट ब्लॉक ईट अणुवीज प्रकल्प से बनाया जाता है जिसमें रासायनिक घटक अधिक प्रमाण में होने से शरीर भी रोगी होता है , उक्त ब्लॉक ज्वालाग्राही , तापमान को अधिक बढाना व वजन में हल्का होने के कारण बनाये गए बांधकाम भी सही व टिकाऊ नहीं होने का दावा कुंदन पाटिल ने किया है .
बिल्डर , बांधकाम व्यवसायिक के प्रारूप अपने लाभ के लिए बनाए गए इमारत में स्वयं नहीं रहते यह केवल इन इमारतों में निवासी फ्लॅट विक्री कर स्वयं के लाभ अपनी आंखों के सामने रखकर बिल्डर , विकासक , बांधकाम व्यवसायिक सफोरेक्स ब्लॉक का प्रयोग बिंदास कर रहे है। और शासन को किसी प्रकार की रॉयल्टी भी नहीं दी जाती है जिसकारण शासन राजस्व का भी भारी नुकसान हो रहा है , पारंपारिक ईट भट्टी मालिक अपनी जरूरत के अनुसार यह व्यवसाय करते हैं और शासन को रॉयल्टी के माध्यम से राजस्व को लाभ पहुंचाते हैं जिससे हजारो अशिक्षित आदिवासी समाज को रोजगार उपलब्ध कराते हैं।इसलिए यह पारंपरिक ईट उत्पादन व्यवसाय की सुरक्षा शासन द्वारा सुनिश्चित करने की मांग कुंदन पाटिल ने शासन से की है। उक्त सभा में शंकर गोराडकर , अनंत सालकर , अनंत माली , पिंटू म्हात्रे , शंकर खारीक , भिवंडी तालुकाध्यक्ष दिनेश पाटिल , कल्याण तालुकाध्यक्ष दशरथ चाकणकर , वाडा तालुकाध्यक्ष बंडू पाटिल , शहापूर तालुकाध्यक्ष विलास गंगे , आदि पदाधिकारी उपस्थित थे .शुरूआत में प्रत्येक तहसीलदार कार्यालय में निवेदन देकर पालकमंत्री एकनाथ शिंदे से भेट कर ईट उत्पादकों के सामने खडे भयंकर संकट की जानकारी देकर पारंपरिक मिट्टी के ईट बनाने व इन्हें सपरिवार सुखशांति से जीवनयापन करने के लिए सहकार्य करने का आग्रह किया है।

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