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भिवंडी(एम हुसेन)भिवंडी शहर के नारपोली क्षेत्र में शिक्षकों द्वारा बकाया वेतन मांगने पर स्कूल प्रबंधन ने सभी शिक्षकों को एक साथ स्कूल से बाहर का रास्ता दिखा दिया है ।जिससे परेशान शिक्षक समझ नहीं पा रहे है कि अब वे करे तो क्या करे ।शिक्षण विभाग भी जाँच करने की बात कर पल्ला झाड़ लिया है परिणामस्वरूप 24 शिक्षक सपरिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं।

बतादे की नारपोली स्थित श्रीराम हिंदी प्राथमिक विद्यालय में पिछले कई वर्षों से शिक्षा देरहे शिक्षकों का वेतन यह कह कर प्रबंधन समिति ने बंद कर दिया है कि विद्यालय को सरकार द्वारा अनुदान आने वाला है ।सभी शिक्षक अनुदान की खबर से खुश थे ।परंतु लगातार तीन वर्षों से वेतन न मिलने एवं अनुदान कब आएगा जैसे सवालो पर नकली दस्तावेजो को दिखाकर केवल शिक्षकों को गुमराह किया जाता रहा । विद्यालय प्रबंधन समिति के सचिव उद्धव पांडेय ने उक्त शिक्षकों से नौकरी देने के नाम पर प्रति शिक्षकों के परिवार से लाखों रुपए भी लिया है लेकिन न वेतन और न ही अनुदान की खबर से निराश शिक्षकों ने जब मंगलवार को उद्धव पांडेय(कोषाध्यक्ष) की पत्नी जो विद्यालय की देख रेख करती है ,इनसे वेतन और अनुदान के संबंध में सवाल किया तो वे भडकते हुए शिक्षकों को देख लेने की बात कह कर टालने का प्रयास किया तो सारे शिक्षक नारपोली पुलिस स्टेशन की शरण में गए और अपनी समस्याओं से पुलिस को अवगत कराते हुए ज्ञापन दिया ।नारपोली पुलिस स्टेशन के वपुनि ने पांडेय मैडम को शिक्षकों का बकाया वेतन का भुगतान बुधवार को करने के लिए कहा ।मैडम ने वेतन देने के लिए हामी भी भरी लेकिन बुधवार को पांडेय मैडम विद्यालय आई ही नहीं और शिक्षकों को विद्यालय में प्रवेश पर रोक लगवा दिया ।उधर शिक्षकों की समस्याओं को जब शिक्षणाधिकारी मोहिते के पास ले जाया गया तो उन्होंने अपनी व्यस्तता जताते हुए स्कूल प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए बताया कि शिक्षकों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जायेगा ।इस समय पुरे विद्यालय में केवल उद्धव पांडेय की लड़कियां पढ़ा रही है जो दादागिरी करती नजर आ रही है ।गौरतलब हो की श्रीराम हिंदी प्राथमिक विद्यालय,श्रीराम हिंदी हाई स्कूल,एवं जूनियर कालेज तथा इंग्लिश मीडियम के विद्यालय में लगभग 50 से अधिक शिक्षक है ।जो कई वर्षों से शिक्षा देरहे है ।प्रबंधन समिति पर एकाधिकार जमाते हुए उद्धव पांडेय ने सभी सदस्यों को नजरअंदाज करते हुए मनमानी कार्यभार शुरू किया और नौकरी के लालच में फांसकर इनके पास से लाखों रुपये वसूले और उन पैसो से उ. प्र. अम्बेडकर नगर में बड़ा कालेज बना डाला ।पैसे के हेर फेर को देखते हुए तात्कालिक शिक्षक सूर्यराव ने विरोध किया तो उस शिक्षक को झूठे केस में फसाकर जेल भेजवा दिया जिसका मुक़दमा आज भी चल रहा है जो न्यायालय में विचाराधीन है ।सँस्था के वर्तमान अध्यक्ष ज्ञानमनी पांडेय ने भी उद्धव पांडेय की इस हेरफेर को गलत बताते हुए कार्रवाई करने की बात तो स्वीकारा परंतु सामने आकर बोलने में कतराते नजर आये ।वहीँ भविष्य ख़राब होते देख सभी शिक्षक यह समझ नहीं पा रहे की वो अब क्या करे,। उक्त प्रकार से बडै पैमाने पर हुए हेर फेर में शिक्षण विभाग के छोटे अधिकारियो से लेकर मंत्रालय तक से संलग्न अधिकारियो का समावेश होना बताया जा रहा है जो जांच का विषय बना हुआ है।

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