मुंबई। एक दुखी पिता ने अपनी दो साल कि बेटी को पाने के लिए देश के महामहीम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अलावा मध्य प्रदेश के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, जिला अधिकारी अशोकनगर व पुलिस अधीक्षक को पत्र लिख कर न्याय की गुहार लगाई है। उक्त पत्र में कहा गया है कि मेरे ससुराल वालों द्वारा महज दो साल की मेरी बेटी तृप्ति (रितिका) से मिलने नहीं दिया जाता है। जबकि संवैधानिक तौर पर मां के नहीं रहने पर बेटी अपने पिता के पास रहती है। मेरे ससुराल के पड़ोसियों से बेटी की तबीयत खराब होने की जानकारी मिलने से मैं कफी चिंतित हुं। इस बाबत मैंने मध्य प्रदेश के अशोक नगर कोतवाली थाना प्रभारी व जिला अधिक्षक को भी पत्र दिया है।
गौरतलब है कि सरकार द्वारा पूरे देश में बेटी बचाव -बेटी पढ़ाव अभियान चलाया जा रहा है। वहीं मेरे ससुराल वाले मेरी दो साल की बेटी को देने से इंकार कर रहे हैं। उक्त पत्र के अनुसार मुंबई निवासी श्यामकुमार सूलक्सन सरीन की शादी मध्य प्रदेश के पलक नरूला उर्फ़ टीना अशोकनगर कोतवाली थाना परिसर के गणेश कालोनी निवासी मनोहर नरूला की बेटी के साथ 13. 09. 2013 को हुई थी। इन दोनों से एक बेटी तृप्ति (रितिका) भी है। इस दौरान पति पत्नी काफी खुश थे। श्यामकुमार सरीन के अनुसार पारिवारिक उत्सव में पलक नरूला उर्फ़ टीना 13 अगस्त 2015 को मुंबई से अशोक नगर गई थी और वहीं उसने 07. 10. 2015 को आत्महत्या कर लिया। टीना का मामला अदालत में चल रहा है। मेरी पत्नी के नहीं रहने से मैं खुद टुट गया हुं। सरीन ने आरोप लगाया है कि उसकी दो साल की बेटी का सही तरीके से देख-भाल नहीं होने की वजह से वो काफी चिंतित हैं। इस लिहाजा मेरी बेटी को मुझे लौटा दो। लेकिन मेरे ससुराल वाले बेटी को लौटाना तो दूर की बात है वो मुझे मेरी बेटी से मिलने भी नहीं देते। सारी सामाजिक कोशिशो के बाद मैंने अपनी बेटी को पाने के लिए देश के महामहीम प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री मा. नरेंद्र दामोदर मोदी, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय मध्य प्रदेश सरकार, जिला आयुक्त अशोकनगर (म़प्र) और जिला पुलिस अधिक्षक अशोक नगर को पत्र दिया है।
इससे पहले मैंने 25 जनवरी 2016 को मध्य प्रदेश, जिला अशोकनगर के थाना कोतवाली प्रभारी व जिला पुलिस अधीक्षक के नाम पत्र दिया था। अब लगभग 11 माह बीतने के बाद भी कोई जवाब नहीं आया तो मैं देश के महामहीम से न्याय की अपील के साथ-साथ अपनी बेटी को अपने साथ रखने की मांग की है।
गौरतलब है कि सरकार द्वारा पूरे देश में बेटी बचाव -बेटी पढ़ाव अभियान चलाया जा रहा है। वहीं मेरे ससुराल वाले मेरी दो साल की बेटी को देने से इंकार कर रहे हैं। उक्त पत्र के अनुसार मुंबई निवासी श्यामकुमार सूलक्सन सरीन की शादी मध्य प्रदेश के पलक नरूला उर्फ़ टीना अशोकनगर कोतवाली थाना परिसर के गणेश कालोनी निवासी मनोहर नरूला की बेटी के साथ 13. 09. 2013 को हुई थी। इन दोनों से एक बेटी तृप्ति (रितिका) भी है। इस दौरान पति पत्नी काफी खुश थे। श्यामकुमार सरीन के अनुसार पारिवारिक उत्सव में पलक नरूला उर्फ़ टीना 13 अगस्त 2015 को मुंबई से अशोक नगर गई थी और वहीं उसने 07. 10. 2015 को आत्महत्या कर लिया। टीना का मामला अदालत में चल रहा है। मेरी पत्नी के नहीं रहने से मैं खुद टुट गया हुं। सरीन ने आरोप लगाया है कि उसकी दो साल की बेटी का सही तरीके से देख-भाल नहीं होने की वजह से वो काफी चिंतित हैं। इस लिहाजा मेरी बेटी को मुझे लौटा दो। लेकिन मेरे ससुराल वाले बेटी को लौटाना तो दूर की बात है वो मुझे मेरी बेटी से मिलने भी नहीं देते। सारी सामाजिक कोशिशो के बाद मैंने अपनी बेटी को पाने के लिए देश के महामहीम प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री मा. नरेंद्र दामोदर मोदी, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय मध्य प्रदेश सरकार, जिला आयुक्त अशोकनगर (म़प्र) और जिला पुलिस अधिक्षक अशोक नगर को पत्र दिया है।
इससे पहले मैंने 25 जनवरी 2016 को मध्य प्रदेश, जिला अशोकनगर के थाना कोतवाली प्रभारी व जिला पुलिस अधीक्षक के नाम पत्र दिया था। अब लगभग 11 माह बीतने के बाद भी कोई जवाब नहीं आया तो मैं देश के महामहीम से न्याय की अपील के साथ-साथ अपनी बेटी को अपने साथ रखने की मांग की है।
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