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A/c : अवैध संबंध से जन्मी बच्ची अब रोड़ा बनता देख पैदा करनेवाले माता पिता उसे अनाथ आश्रम के दरवाजे पर छोड़ गाये। लेकिन माँ का दिल बच्ची के लिए पसीजा और फिर बच्चे को ढूंढने आश्रम में आयी। लेकिन अब यह मामला पुलिस थाने पहुँचने के कारन बच्चा अब न्यायलय से ही माँ के ताबे में मिलने की उम्मीद है।

V /0 - यह नवजात बच्ची बढ़ी बदनसीब है। इसको दुनिया दिखानेवाले माता पिता जब यह बच्ची पैदा हुई तो इसे रोड़ा मानकर उसे ठिकाने लगाने की सोचने लगे। माँ मनन्दी और पिता जयकिसान पिछले तीन सालो से दोनों का अवैध सम्बन्ध था पर दोनों कंप्यूटर क्लास्सेस का काम विरार में करते थे। इस दरमियान इन दोनों में प्यार हो गया और इन्होंने अवैध संबंध स्थापित किया और इससे उन को यह बच्ची पैदा हुई। तीन महीने पहले इस दुनिया में आयी बच्ची की माँ को बिन ब्याह माँ का सदमा सताने लगा। यह दाग निकलने के लिया मनन्दी ने जयकिसन से शादी की बात कही मगर जयकिसन टालता रहा। आखिर जयकिसान ने अपने परिवार वाले मानेगे नहीं यह कहकर शादी से आना कानी करने लगा। दुविधा में पडी मनन्दी ने बच्चे के बारे में सोचा ऐसा कहा तो जयकिसन ने बच्चे को ठिकाने लगाने का प्लान बनाया। इंटरनेट पर सर्च कर वसई के फातिमा आश्रम दिखा और फिर मोटर साइकिल पर एक प्लास्टिक की थैली में बच्चे को ले जाकर आश्रम के दरवाजे पर छोड़ दिया। आश्रम के व्यवस्थापक ने बच्चे को देख तो पहले मानिकपुर पुलिस ठाणे को इतला कर दिया। मानिकपुर पुलिस ने धारा ३१५ के तहत मामला दर्ज कर बदनसीब बच्चे के माता पिता को ढूंढने के लिया टीम बना डाली। लेकिन ३ दिन के विरहा से बच्ची की माता मनन्दी का दिल दहल उठा और उसने अपनी करतूत अपनी माँ को बताई। मन्नादी की माँ ने उसी आश्रम से बच्चा फिर लाने की सलाह दी। लेकिन जब मनन्दी आश्रम पहुंची तो बच्ची मिल गयी । मगर एक कानून की दीवार आ गयी। जिसके कारण प्रशाशन ने बच्ची को अपने कब्जे में ले लिए । अब जो फैसला न्यायालय द्वारा लिया जायेगा ।




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V /O - इस समय बच्ची को अनाथ आश्रम के दरवाजे पर छोड़ने के बाद मनन्दी से तीन दिन जयकिसन ने संपर्क नहीं किया ।और ना ही मोबाइल चालू किया था। इससे मनन्दी को जयकिसान पर शक होने लगा और अपनी करतूतों पर पछतावा होने लगा जिसके कारन मनन्दी अपनी बच्ची को देखने के लिये दिल मचल गया। मगर अफ़सोस बच्ची का रखवाला कानून बन गया था। -




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