नायगाव( आर.के. तिवारी) वसई तालुका स्थित नायगाव के जूचंद्र में रहने वाले एक 6 वर्षीय कृष्णा २ वर्षो से लापता था आखिर कर पुलिस और पड़ोसियों के कड़े परिश्रम के चलते दो वर्षो बाद कृष्णा मिल गया | आपको बता दे की, नायगाव जूचंद्र स्थित हसोबा मंदिर के पास बने चाल में रहने वाले रामजनक यादव सितंबर 2014 में नवरात्री पर्व पर अपने 6 वर्ष के कृष्णा को लेकर गरबा दिखाने ले गए थे | गरबा के स्थान पर काफी भिड होने के चलते कृष्णा वहां खो गया | काफी ढूढने के बाद भी रामजानक को उनका बेटा नहीं मिला | जिसके चलते उसकी गुसुदगी की रिपोर्ट वालीव पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई | पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कारने के कई दिनों बाद तक कृष्णा का पता नहीं चला | थक हार कर कृष्णा के परिजन भी हतास हो गए | परन्तु एक परिवार के बिछड़े को मिलाने के लिए और अच्छे पड़ोसी के नाते के आर.के. तिवारी, सत्यवान सावळे, दिपक मोरे, रूकमणी मोरे ने कृष्णा के परिजनों को धीरज बंधाते हुए कृष्णा की तलाश जरी रखी और पुलिस के पास भी समय समय पर जाते रहे | कहते है ‘भगवान के घर देर है... अंधेर नही’ जिसके चलते 12 दिसंबर 2016 को वालीव पुलिस स्टेशन से सहायक पुलिस निरीक्षक मार्कंड का फोन आया और उन्होंने आर.के. तिवारी को बताया की कृष्णा से मिलता जुलता बच्चा मिला है |पुलिस ने कृष्णा के परिजनों को मिले हुए बच्चे की तश्वीर दिखाई तो वे उसे तुरंत पहचान गए |पुलिस ने उन्हें तुरंत मानखुर्द स्थित बाल निरिक्षण गृह में भेजा जहाँ कृष्णा था | कृष्णा ने भी अपने परिवार वालो को पहचान लिया | जिसपर बाल गृह के निरीक्षक रघुवंशी ने बताया की कृष्णा जब गूम हुआ था तो वह अपने नाम के आलावा कुछ भी नहीं बता पा रहा था जिसे दादर रेलवे पुलिस ने हमारे पास भेज दिया |और हामरे पास आए सभी गुम्सुदा बच्चो की फोटो हर पुलिस थाणे में भेजी जाती है जिसपर कृष्णा की फोटो वालीव पुलिस ठाणे में पहुचते ही वालीव पुलिसने उसे पहचान लिया और उसकी सुचना उसके परिजनों को दि| जिसके चलते 13 दिसंबर को क़ानूनी करवाई के वाद न्यायालय ने कृष्णा को उसके परिजनों के सुपूर्त कर दिया |
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