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भायंदर (राधेश्याम सिंह) मिरारोड़ के पोस्ट ऑफिस में ग्राहकों के साथ ठगने का मामला उजागर हुआ है । डाक घर बचत योजना के तहत कई योजनाएं है, जिसमे किसान विकास पत्र, पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम, वरिष्ठ नागरिक वचत योजना, भविष्य निधी खाता इस तरह की अनेक योजनाओं में एजेंट ग्राहकों के घर घर जाकर उनके पैसे जमा करते है। आरोपी महिलाओं को इस बात की जानकारी थी कि ग्राहक डॉक घर में बहुत कम आते है, इसका उसने भरपुर फायदा उठाया। डॉक घर में इन योजनाओं के नाम पर फर्जी खाता खोलकर पैसे वसूलकर अपने पास रखती थी। इसके अलावा जिसका उसने सही तरीके से खाता खोला था। उनकी योजना पूरी होने के बाद अधिकारियों से मिलकर ग्राहक के हस्ताक्षर करवाकर पैसे खुद निकाल लीये है। सबसे आश्चर्य की बात यह था कि उसके पास पोस्ट आफिस के सभी असली काजग पत्र थे। जो खाता खोलने या पैसा जमा करने के बाद वह ग्राहकों को देती थी। इससे किसी को शक भी नहीं हुआ। डॉक घर की एजेंट सीमा गोड़े उसकी सहायिका फरजीन शेख व् डॉक घर के कुछ कर्मचारियों ने मिलकर करोडो रूपए नागरिको से  ठग लिया है ।इनकी ठगी के शिकार अब तक सैकड़ो  ग्राहक सामने आये है।इनमें कई करोड़ रूपये  ठगी का खुलासा हो रहा है ।अभी तक पुलिस में मामला दर्ज नही हुआ है।डॉक विभाग इसकी विभागीय जांच कर रही है। डॉक घर एजेंट सीमा गोड़े पिछले 15 से 20 सालों से मीरारोड डॉक घर में एजेंट के रूप में काम कर रही है।सीमा ने अपनी सहायता के लिए फरजीन शेख को रखा था।जो डॉक घर के ग्राहकों का लेंन देन देखती थी।  दोनों पर आरोप है कि इन्होंने डाकघर की विभिन्न बचत व निवेश योजनाओं में पैसे जमा कराने के लिए ग्राहकों से पैसे लीं।कुछ पैसों को डाकघर में जमा ही नही कीं।जिनका पैसा जमा भी कीं,उनकी मेच्योरिटी होने पर खुद ही पैसा निकाल लिए ।ये दोनों  महिलाये भले ही पोस्ट ऑफिस में  ग्राहकों का पैसा जमा नही करती थी ।लेकिन ग्राहकों को डाकघर की मुहर लगी रसीद और पासबुक बराबर देती आ रहीं थीं।जिससे गाहकों को लगता था कि उनका पैसा डाकघर में जमा हो रहा है।ऐसा ये पिछले 10-12 सालों से करती आ रहीं थीं।इस प्रकरण में डाकघर के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत हो सकती है । हालाँकि अभिकर्ता सीमा गोड़े की सफाई है कि ग्राहकों के पैसे का गबन उसकी सहायिका फरजीन शेख ने की है।यह मामला सामने तब आया जब ग्राहक अपने  म्यूचुवल फंड लेने के लिए पोस्ट ऑफिस पहुचे। तो पता चला कि उनके खातों से पैसा निकल गया है। वही कुछ ग्राहकों के खाते डॉक घर में खुले ही नही है। वही नोटबंदी के बाद काला धन सफेद कराने का झांसा देकर  दोनों कइयों को चुना लगाई है, काले पैसे को सफेद करने लिए उन्होंने ग्राहकों से पैसे तो लिए , मगर उन्हें फर्जी एकाउंट खोल कर पास बुक पकड़ा दिए ग्राहकों ने जब पता किया । तो उनके नाम से डॉक घर में कोई एकाउंट ही नहीं है। ग्राहकों ने इसकी लिखित शिकायत नया नगर पुलिस स्टेशन में की है, मगर अभी तक कोई केस दर्ज नहीं हुआ है। इस हेराफेरी के सामने आने के बाद डॉक विभाग  एक समिति गठित कर विभागीय जांच कर रही है, जिसमे  काउंटर क्लर्क पुनीत शेट्टी को निलंबित कर दिया है। अधिकारी ने कहा कि इस जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। सवाल यह उठता है कि इतने लंबे समय से ठगी का गोरख धंदा चल रहा थी किसी को इसकी खबर तक नहीं चली ।

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