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मुंबई। 2012 में पेपरलेस कामकाज की घोषणा करनेवाली देश की सबसे बड़ी मुंबई मनपा लगभग 5 वर्ष बाद अब पेपरलेस होने की दृष्टी से कदम बढ़ा रही है। मनपा प्रशासन द्वारा विविध सभाओं और समितियों के लिए एजेंडा तैयार कर नगरसेवकों के घर भेजवाया जाता है। इसके लिए मनपा प्रति माह 2 लाख रुपये खर्च करती है। इसके लिए मुंबई मनपा के 1888 के कानून में सुधार कर यह प्रक्रिया 2017 से शुरू की जाएगी। बता दें कि मुंबई मनपा में 227 चुनकर आए हुए नगरसेवक और 5 नामांकित नगरसेवकों को महासभा, स्थायी समिति, सुधार समिति, शिक्षा समिति,स्वास्थ्य समिति,स्थापत्य समिति, वृक्ष प्राधिकरण आदि समितियों में विभिन्न नगरसेवक और नामांकित सदस्य रहते हैं।उन सभी के घरों पर सभा का एजेंडा पहुँचाया जाता है। मनपा के 1888 कानून के अनुसार एजेंडा सभा के पहले नगरसेवकों के घर पहुँचाने की जिम्मेदारी मनपा के सचिव विभाग की है। उसके लिए मनपा की 11 गाड़िया, ड्राइवर और सिपाही इस काम में व्यस्त रहते हैं। एजेड़ा मनपा की प्रिटिंग प्रेस में छापे जाते हैं। उसके बावजूद 2 लाख रुपये खर्च होते हैं। एजेंडा पहुँचाने के लिए सचिव विभाग के सिपाहियों को इस काम के लिए भत्ता नहीं दिए जाने से वह नाराज हैं। ऐसी परिस्थिति में नगरसेवक और नामांकित नगरसेवकों को एजेंडा ई-मेल के माध्यम से भेजने पर परिवहन का खर्च बचेगा और सिपाहियों से अधिक काम नहीं करना पड़ेगा। मनपा ने पेपरलेस कामकाज करने हिसाब से पहले ही नगरसेवकों को लैपटॉप दिया है। एजेंडा पहुँचाया जा सके इसके लिए 300 कंप्यूटर लिए जाएंगे।मनपा के कानून में बदलाव किए जाने के बाद 2017 से एजेंडा मेल पर मिलेगा।

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