मुंबई। भाजपा के एक नेता के दबाव में मनपा के सहायक आयुक्त का तबादला करने का आरोप शिवसेना सहित अन्य विरोधी दलों ने लगाया है। इस मामले में भाजपा अकेले पड़ गई है। तबादले के खिलाफ शनिवार को आर मध्य विभाग क सभीे दल के नगरसेवक आंदोलन करनेवाले है। आगामी मुंबई मनपा चुनाव को देखते हुए यह मामला भाजपा के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। क्योंकि सभी दल इस मामले में एकजुट हो गए है।
बता दें कि बोरिवली के आर- मध्य विभाग के सहायक आयुक्त किशोर गांधी का गुरुवार को अतिक्रमण निर्मूलन(पूर्व उपनगर) विभाग में अचानक तबादला कर दिया गया। जबकि गांधी का आर-मध्य विभाग में 6 महीने का कार्यकाल बाकी है और उसके बावजूद भी इनका तबादला कर दिया गया। किशोर गांधी का अब तक का काम-काज बहुत ही बेहतर है जिसके कारण उनके तबादले को लेकर भाजपा को छोड़कर सभी दलों के नगरसेवकों ने नाराजी प्रकट की है। इसके खिलाफ शुक्रवार को शिवसेना की शीतल म्हात्रे, काँग्रेस की शीतल म्हात्रे, राष्ट्रवादी की नगरसेविका संध्या दोषी, काँग्रेस के शिवानंद शेट्टी ने मनपा आयुक्त अजोय मेहता से मुलाकात कर गांधी के तबादले के बारे में जानकारी ली। इस दौरान हुए चर्चा के बाद आयुक्त ने गटनेताओं की बैठक में इस विषय पर चर्चा करके निर्णय लेना का आश्वासन दिया ।
गौरतलब है कि डोंगरी एक्सल के मनपा प्लॉट पर हो रहे अवैध निर्माण पर किशोर गांधी द्वारा कारवाई करने से नाराज भाजपा के एक नेता ने दबाव डालकर गांधी का तबादला करा दिया। यह आरोप काँग्रेस की नगरसेविका शीतल म्हात्रे ने लगाया।
मुंबई मनपा के पत्रकार कक्ष में सभी नगरसेवकों बातचीत के दौरान कहा कि नवी मुंबई के आयुक्त तुकाराम मुंढे द्वारा अवैध निर्माण कार्य के खिलाफ की गई कार्रवाई के बाद उनके समर्थन में खुद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस खड़े रह सकते है तो वही दूसरी ओर राज्य सरकार के ही भाजपा के एक मंत्री के दबाव से एक अधिकारी का तबादला किया जा रहा है। भाजपा की इस तरह की दो मुंही नीति के बारे में क्या कहा जाए। यह पूरी तरह से गलत है।
गौरतलब है कि डोंगरी एक्सल के मनपा प्लॉट पर हो रहे अवैध निर्माण पर किशोर गांधी द्वारा कारवाई करने से नाराज भाजपा के एक नेता ने दबाव डालकर गांधी का तबादला करा दिया। यह आरोप काँग्रेस की नगरसेविका शीतल म्हात्रे ने लगाया।
मुंबई मनपा के पत्रकार कक्ष में सभी नगरसेवकों बातचीत के दौरान कहा कि नवी मुंबई के आयुक्त तुकाराम मुंढे द्वारा अवैध निर्माण कार्य के खिलाफ की गई कार्रवाई के बाद उनके समर्थन में खुद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस खड़े रह सकते है तो वही दूसरी ओर राज्य सरकार के ही भाजपा के एक मंत्री के दबाव से एक अधिकारी का तबादला किया जा रहा है। भाजपा की इस तरह की दो मुंही नीति के बारे में क्या कहा जाए। यह पूरी तरह से गलत है।
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