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पुणे शहर की मुला-मुठा नदियों को प्रदुषण मुक्त बनाने के लिए राष्ट्रीय नदी कृती योजना के अंतर्गत 990 करोड़ 26 लाख रुपये की योजना को शुरू करने के लिए मंत्रिमंडल की बैठक में एक अहम फैसला लिया गया। इस योजनानुसार केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को समय समय पर उपलब्ध किये निधि को पुणे महानगर पालिका को तुरंत वितरित करने का भी प्रस्ताव मान्य किया गया।
देश की नदियों में पानी की गुणवत्ता सुधारने के लिए केंद्रीय पर्यावरण व वन मंत्रालय की तरफ से राष्ट्रीय नदी कृती योजना की शुरवात की गई है। नदी किनारे बसे शहरों से बहने वाले गंदे नालों और प्रदुषण को रोकने के लिए इस योजना का मुख्य उद्देश्य है।
पुणे शहर के मुला-मुठा नदी के लिए जपान इंटरनॅशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जायका) इस संस्था से आर्थिक मदत मिले इसके लिए केंद्र सरकार के मार्फत योजना को पेश किया गया था, इस योजना के लिए 990 करोड़ 26 लाख रुपये का प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने मंजूरी दी है। इस योजना के लिए केंद्र सरकार 85 फीसदी (841.72 करोड़) और पुणे महानगरपालिका 15 फीसदी (148.54 करोड़) की निधी देगी। इस प्रस्ताव के अंतर्गत मंजूर काम में नदी में आनेवाले सीवेज वाटर को रोकने का काम, उसे ट्रीट करने का काम, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने का काम, मत्स्यबीज केंद्र, बोटॅनिकल गार्डन, सुलभ शौचालय बनाने का काम साथ ही जनजागृती करने का काम इसमें समावेश है। इन सभी कामों को पूरा करने की कालावधी है 31 जनवरी 2022, इस दरमियान सभी कामों को पूर्ण करना बंधनकारक है। जिसके लिए पुणे महानगरपालिका कमिश्नर की अध्यक्षता में योजना लागू करने के लिए एक कक्ष की भी स्थापना की जायेगी।

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