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प्रधानमंत्री कृषी सिंचाई योजना (PMKSY) के माध्यम से राज्य के 26मध्यम और बड़े नहर और बांध सिंचाई की योजनाएं पूरी होने वाली है जिसके लिए केंद्र सरकार की माध्यम से नाबार्ड की तरफ से 12 हजार 773 करोड़ का कर्ज लेने के लिए आज महाराष्ट्र सरकार की कैबिनेट में फैसला किया गया। इस निर्णय की वजह से राज्य के प्रलंबित योजनाएं पूरी हो सकेंगी और साढ़े पांच लाख हेक्टर अतिरिक्त सिंचाई की क्षमता बढ़ेगी।
देश के ऐसे ही 99 योजनाओं को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार के माध्यम से दीर्घकालीन सिंचाई फंड (Long Term Irrigation Fund - LTIF)के निर्माण का निर्णय लिया है। इस कार्यक्रम के लिए महाराष्ट्र से 26 ऐसी योजनाएं है।
केंद्र सरकार के निर्णय अनुसार राज्य के निर्माणाधीन 26 योजनाओं को पूरा करने के लिए 2016-17 से 2019-20 इस दौरान 3 हजार 830 करोड़ रुपये केंद्र से मिलने की उम्मीद है। इन योजनाओं को पूरा करने के लिए राज्य सरकार की हिस्सेदारी की रकम को मुहैया कराने के लिए नाबार्ड से 15 सालों के लिए 6 फीसदी व्याज दर से कर्ज मिलने की सुविधा निर्माण कर सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने का काम किया जायेगा।
इस योजना में वाघूर, बावनथडी, निम्न दुधना,तिलारी, निम्न वर्धा, निम्न पांझरा, नांदुर मधमेश्वर टप्पा-2,गोसीखुर्द राष्ट्रीय योजना, ऊर्ध्व पैनगंगा, बेंबला,तारली, धोमबलकवडी, अर्जुना, ऊर्ध्व कुंडलिका, अरुणा, कृष्णा-कोयना उर्ध्व सिंचाई योजना, गडनदी, डोंगरगाव, सांगोला शाखा कालवा, खडकपूर्णा, वारणा,मोरणा (गुरेघर),निम्न पेढी, वांग, नरडवे (महमद वाडी), कुडाली इ. योजनाओं का समावेश है।

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