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मुंबई। (मोहम्मद मुकीम शेख )पिछले 20 वर्षों से मनपा की सत्ता पर काबिज़ शिवसेना और भाजपा ने मराठी युवकों की दो पीढ़ियों की शिक्षा का नुकसान किया है। शिवसेना के युवा नेता आदित्य ठाकरे द्वारा शिक्षा व्यवस्था के विरोध में निकाला गया मोर्चे का अर्थ है उन्हें इस व्यवस्था के बारे में ज्ञान नहीँ है। इससे उन्होंने यह साबित कर दिया की अभी भी वह केजी में हैं। यह बात महाराष्ट्र प्रदेश काँग्रेस के प्रवक्ता डॉ. राजू वाघमारे ने पत्रकार परिषद में कही। उन्होंने कहा कि आदित्य ठाकरे को  मोर्चा निकालने का कोई अधिकार नहीँ है। 6 से 14 वर्षों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा मिले इसलिए 27 अगस्त 2009 को आरटीई कानून बनाया गया।इस कानून के तहत सभी मनपा स्कूलों में पहली से आठवी तक मुफ्त शिक्षा की नीति होने के बावजूद मनपा के 1143 स्कूलों में से मात्र 10 प्रतिशत स्कूलों में 8 वी तक पढ़ाई करायी जाती है। साथ ही 153 नए स्कूलों में आठवी तक शिक्षा देने का प्रस्ताव जून में स्कूल शुरू होने पर लाया गया। परंतु अभी तक वह क्रियान्वित नहीँ किया गया है। 20 वर्षों से सत्ता में होने के बावजूद  अधिकांश स्कूलों में अभी भी कंप्यूटर रूम, वाचनालय, प्रयोगशाला जैसी मुलभूत सुविधा उपलब्ध नहीँ कराया जा सका है और अब यही लोग शिक्षा कैसी होनी चाहिए यह बता रहें है। यह बहुत ही  हास्यास्पद बात है। एक ओर मनपा कह रही है कि हमारे पास जरुरत से ज्यादा शिक्षक हैं। परंतु सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी पूरी तरह से उससे अलग है। शिक्षकों की कमी यह सभी माध्यमों में है। वर्ष 2013-14 तक 120, 2014-15 तक 400 और 2015-16 तक 150 कुल 670 शिक्षकों की आवश्यकता से सबंधित पत्र पूर्व आयुक्त सिताराम कुंटे ने ख़ुद शिक्षा मंत्री को लिखा था। मनपा के एक ही वर्ग में 2 से  3 कक्षाओं को पढ़ाने की प्रक्रिया सत्ताधारियों ने शुरू की है और उसे यह लोग जोड वर्ग पद्धती कहते हैं। और इसे भाजपा के मंत्री विकसित शिक्षा कहते हैं। अगर यह विकसित शिक्षा है तो यह व्यवस्था निजी स्कूलों में क्यों लागू नहीँ की जाती है। पहले शिक्षा का खर्च बढ़ाने के बाद इस बार बजट में 169 करोड़  रुपये कम कर दिया गया। इससे पता चलता है कि शिक्षा को लेकर इनकी क्या मानसिकता है।  वाघमारे ने कहा कि ठाकरे परिवार को यह दिखाने का शौक है कि हमें शिक्षा के प्रति बहुत लगाव है। उसके लिए उद्धव ठाकरे के ड्रीम परियोजना के तहत  मनपा के 1100 स्कूलों में से 247 स्कूलों में वर्चुअल क्लासरूम शुरू किया गया था। जिसे बंद करने का समय आ गया है। आदित्य ठाकरे का पसंदीदा टैब देने की योजना के तहत घटिया स्तर का  टैब बच्चों को दिया गया। इस टैब में मात्र आठवी कक्षा का अभ्यासक्रम डालकर दिया गया है और नौंवी तथा दसवीं कक्षा का अभ्यासक्रम बच्चों को 10,000 रुपये और उससे अधिक देकर लिया जायेगा।इतना पैसा बच्चे कहां से लाएंगे। 32 करोड़ रुपये का टैब घोटाला है। विभिन्न कारणों के कारण मनपा स्कूलों में 40 प्रतिशत बच्चे कम हुए हुए हैं। पत्रकार परिषद में मुंबई कांग्रेस के महासचिव भुषण पाटील और उपाध्यक्ष जयप्रकाश सिंह  उपस्थित थे।

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