बेस्ट कर्मचारियों को लगातार 4 वर्षे से बोनस नही दिया गया । सिर्फ सन 2015 में 5 हजार रूपये सानुग्रह अनुदान दिया गया था। इसलिए इस वर्ष तो बोनस दिया जाये, यह मांग बेस्ट समिती के सदस्य सुनिल गणाचार्य ने प्रस्ताव द्वारा की । बेस्ट की आर्थिक स्थिती अच्छी ना होने से मनपा से 1600 करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया है। इस पर मनपा 10 प्रतिशत ब्याज लेती है। मनपा ने 10 के जगह 7 प्रतिशत ब्याज ले तो बेस्ट के पास कुछ रक्कम बच सकती है और इससे बोनस और अन्य खर्चा करना आसान हो सकता है, यह गणाचार्य ने कहा ।
बेस्ट कर्मचारियों को बोनस मिलना चाहिए, यह भूमिका बेस्ट कमीटी के सदस्य रवि राजा, शिवजी सिंह, संदेश कोंडविलकर ने ली है । बेस्ट समिती के सदस्य सुहास सामंत को आवाहन किया की, समय पड़ने पर मातोश्री या वर्षा पर मध्यस्थी करे परंतु इस वर्ष कर्मचारियों को बोनस दे, बोनस के लिए बेस्ट बंद करने का समय ना लाने दे ।महापौर से सभी युनियन ने मुलाकात की और उन्होंने भी अपनी बोनस देने के लिए सहमती प्रकट की है, यह सामंत ने कहा ।
परंतू महाव्यवस्थापक जगदीश पाटिल ने कहा कि, बेस्ट की आर्थिक स्थिती अच्छी नहीं है । टाटा से जो बिजली ली जाती है उसका पेमेंट देर से होने से दंड आकारा जाता है। शासन की बकाया भी समय पर देना पड़ता है। टीडीएलआर रद्द होने से बेस्ट को 650 करोड़ रुपये कम मिलेंगे। ऐसी स्थिती में बोनस देना आसान नहीं हैं ।
दौरान, बेस्ट के कर्मचारी यह मनपा के कर्मचारी है। मनपा ने उनकी जिम्मेदारी लेकर मनपा कर्मचारियों की तरह ही बोनस मिलाना चाहिए। महापौर के पास सभी युनियन ने मांग करने के बाद महापौर ने बोनस देने के लिए दो दिन में बैठक आयोजित करने का आश्वासन दिया है, यह बेस्ट कर्मचारी युनियन के जनरल सेक्रेटरी शशांक राव ने कहा ।
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