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मुंबई की नाले सफाई की जिम्मेदारी से 
शिवसेना व भाजपा भाग रही है - संजय निरुपम...
संवाददाता
 शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने फिलहाल यह घोषणा किया कि मुंबई  के  नाले सफाई का निरीक्षण नही करेगे तथा
मुंबई की महापौर स्नेहल आंबेकर ने मुंबई महानगरपालिका के 
आयुक्त  को  पत्र लिखा है कि मुंबई के नाले सफाई की जिम्मेदारी
 यह प्रशासन की है.इस पर 
मुंबई कॉंग्रेस के अध्यक्ष संजय निरुपम  ने कहा कि शिवसेना पार्टी
प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुंबईकरो को यह
आश्वासन दिया था कि मुंबई में इस वर्ष पानी नही भरेगा व 
नाले की सफाई सही ढंग से होगा.लेकीन उन्होने ने अब यह
 घोषणा किया  कि नाले सफाई का निरीक्षण दौरा नही करेगे.
शिवसेना अपनी जिम्ेदारी से बच रही है.
बता दे कि मुंबई महानगरपालिका में
शिवसेना  की  सत्ता  है. मुंबईकरो नें चुनाव में  शिवसेना को मतदान किया,  उन्होने विजयी किया तब
मुंबईकरो को बेहतर रास्ता,  शुद्ध पानी, नाले सफाई और मुंबई की
स्वच्छता  यह सभी काम करना  यह शिवसेना की जिम्मेदारी है,
परंतु  शिवसेना  यह सभी  काम करने में असफल हुयी है,
नाले सफाई में १५०करोड का घोटाळा हुवा है. इसलिए उद्धव ठाकरे नाले सफाई का निरीक्षण दौरा नही कर रहे है.शिवसेना इस जिम्मेदारी से भाग रही है,शिवसेना
 नें मुंबईकरो का विश्वासघात किया है.  श्री निरुपम ने फिर कहा की पिछले वर्ष नाले सफाई का निरीक्षण करते हुए  उद्धव ठाकरे  ने कहा था कि मुंबई के नाले सफाई  बेहतर की गयी है,  इसलिए इस वर्ष मुंबई में पानी नही भरेगा लेकीन पिछले वर्ष भी मुंबई में पानी भरा था.इस वर्ष भी वही परिस्थिती है. बरसात  का समय नजदिक आने  के बावजुद 
मुंबई के नाले सफाई  नही किया गया है.नाले का किचड बाहर नही निकाला गया इसलिए इस वर्ष भी बरसात में मुंबई में पानी भरेगा और
 मुंबईकरो को होने  वाले कष्ट के लिए शिवसेना ही जिम्मेदार होगी,
इसलिए शिवसेना  बच रही है. संजय निरुपम ने फिर कहा कि भाजपा भी इसपर कुछ नही कह रही है. वह सत्ता में रहकर भी  विरोधी की तरह बर्ताव कर रही है.भाजपा शिवसेना  पर सिर्फ आरोप  लगा रही है. मुंबई महानगरपालिका में पिछले  दोन दशक से शिवसेना और भाजपा की सत्ता है यह दोनो
मुंबईकरो को सुविधा देने में असफल ठहरी है.शिवसेना और भाजपा के बिच सिर्फ आरोप प्रत्यारोप ही चल रहा है.दोनो हि अपने  जिम्मेदारी से  हात  झटक  रहे है. शिवसेना और  भाजपा को  मुंबईकरो का काम न करना हो तो वह मुंबई महानगरपालिका की  सत्ता छोड दे. दोनो हि मुंबईकरो का काम  करने में असफल हुए है, इसलिए उन्हे सत्ता में रहने का कोई अधिकार नही है,

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