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मनपा की लापरवाही से हुई डीपी में धांदली
31 महीने के बाद 9 पद पर नियुक्ती नहीं
33 प्रतिशत स्टाफ की कमी
मुंबई शहर का डीपी प्लान बनाने के दौरान हुई सैकड़ो गलतियां और मची अफरातफरी यह मनपा प्रशासन की गलती और लापरवाही से उत्पन्न हुई हैं। प्रस्ताव मंजूर होने के बाद भी 9 पदों पर नियुक्ती न होने से डीपी प्लान में अफरातफरी होने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को मिली जानकारी से सामने आई हैं। ताज्जुब की बात यह हैं कि 31 महिने के बाद भी मनपा प्रशासन गहरी नींद में होने से डीपी प्लान को लेकर मचमच शुरु ही हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मनपा प्रशासनसे मुंबईचा विकास प्लान के अंतर्गत उप आयुक्त, नगररचनाकार, उप प्रमुख नगररचनाकार इन पदों की जानकारी मांगी थी। मनपा के उप प्रमुख रचनाकार (प्रभारी) विकास नियोजन कार्यालय ने अनिल गलगली को बताया कि उपआयुक्त नगररचना कार्यालय के लिए उपआयुक्त( नगररचना), प्रमुख नगररचनाकर(नियोजन), प्रमुख नगररचनाकर(स्टैटेजिक प्लानिंग), उप प्रमुख नगररचनाकर(विकास नियोजन), उप प्रमुख नगररचनाकर(परिवहन योजना), प्रमुख नगररचनाकर(स्थानिक क्षेत्र योजना), प्रमुख नगररचनाकर(पर्यावरण), प्रमुख नगररचनाकर(स्थानिक आर्थिक विकास), प्रमुख नगररचनाकर(गृह और स्थावर मालमत्ता) यह पद निर्माण किए गए थे और बृहन्मुंबई महानगरपालिका प्रस्ताव क्रं 95 दिनांक 06/05/2013 एवं महानगरपालिका प्रस्ताव क्रं 34 दिनांक 09/04/2013 के तहत उक्त पदों को मंजूरी दी गई थी। लेकिन इन पदों पर किसी भी अधिकारी की नियुक्ती नहीं को गई। मुंबई महानगरपालिका में प्रारुप विकास प्लान 2014-34 के लिए टाउन प्लानर ( नगर रचनाकार) इस  पद पर दिनेश नाईक की नियुक्ती की गई हैं। इसके पहले वर्ष 2009 में बालचंद्रन रामकृष्णन का नाम टाउन प्लानर के लिए मनपा आयुक्त ने प्रस्तावित किया था और बालचंद्रन ने प्रभारी प्रमुख अभियंता सहित टाउन प्लानर की दोहरी भूमिका निभाई थी।
मुंबई महानगरपालिका में प्रारुप विकास प्लान 2014-34 के लिए जिस लिहाज से कार्यालयीन कामकाज और पदों की नियुक्ती कर नियोजन करना बेहद जरूरी थी वह आज तक कागज पर ही रहा। यह बात स्पष्ट होने से मनपा ने मंजूर की हुई पद निर्मिती करने के बजाय बाहरी रिटायर्ड अफसर को लाने की जरुरत आखिर क्यों आन पड़ी? ऐसा सवाल करते हुए अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मनपा आयुक्त अजोय मेहता को पत्र भेजकर बृहन्मुंबई के लिए स्वतंत्र संचालनालय (नगर रचना नियोजन) बनाने की मांग की हैं। इसके अलावा पुराना प्रस्ताव ताबडतोब मंजूर कर इन महत्व पूर्ण पदों पर नियुक्ती करने की कार्यवाही कर मुंबई शहर का सर्वागीण विकासवाला सुव्यवस्थित और सर्वसंम्मती वाला ऐसा डीपी प्लान बनाने की मांग अनिल गलगली ने आखिर में की हैं।
स्टाफ की कमी
मनपा प्रशासन ने उप प्रमुख नगररचनाकार कार्यालय में कार्यरत 67 अधिकारी और कर्मचारियों की लिस्ट दी हैं। इनमें से 22 लोगों का तबादला हुआ है या उन्हें अपने मूल विभाग में वापस भेजा गया हैं। यानी 33 प्रतिशत की स्टाफ की कमी हैं। इसके वजह से भी  डीपी प्लान काम प्रभावित होने का आरोप लगाते हुए अनिल गलगली ने बृहन्मुंबई के लिए स्वतंत्र संचालनालय (नगर रचना नियोजन) बनाने पर जोर दिया हैं ताकि भविष्य में इसतरह की गलतियों की पुनरावृत्ति न हो पाएं। 

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