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बायो टॉयलेट की निविदा प्रक्रिया से मनपा को करना होगा अधिक खर्च
संवाददाता
मुंबई । मुंबई में बायो टॉयलेट बनाने के लिए मनपा प्रशासन ने डेढ़ लाख रुपये प्रति शौचकूप तय की थी । किंतु अब इसके लिए दो से चार लाख रुपये तक की राशि ठेकेदारों द्वारा निविदा में भरी गयी है । जिससे मनपा को आर्थिक रूप से दोगुना व तिगुना नुकसान हो रहा है । वहीँ मनपा आयुक्त अजोय मेहता ने टेंडर मंगाने के बाद नियमों को रोकते हुए एक ही ठेकेदार को दो से अधिक काम देने का निर्णय लिया है । जिससे बायो टॉयलेट के लिए मनपा को अधिक पैसे खर्च करने पड़ेंगे । 
               मनपा ने वस्ती स्वच्छता कार्यक्रम के अंतर्गत शौचालयों का निर्माणकार्य करने के लिए ठेकेदारों की नियुक्ति गयी थी । इन ठेकेदारों के काम की कालावधि ख़त्म होने जा रही है । जिससे उनकी जगह नये ठेकेदारों की नियुक्ति करने का निर्णय मनपा ने लिया है । इसके लिए पूर्वी परिमंडल निहाय निविदा न मंगाकर विभाग कार्यालय के लिए एक ठेकेदार की नियुक्ति के लिए निविदा मंगाई गयी । इस निविदा में लगभग 175 करोड़ रुपये की बोली ठेकेदारों द्वारा लगाई गयी है । कर सहित यह खर्च लगभग 241 करोड़ रुपये तक जाएगा । इस नए निविदा के अनुसार 362 आर.सी.सी. के शौचालय (5300 शौचकूप) व लगभग 2260 बायो टॉयलेट निर्माण करने का प्रस्तावित है । परंतु पूर्व के लॉट में पूर्व उपनगर में शौचालय के निर्माणकार्य का ठेका बी. नारायण को दिया गया था । जिसकी कालावधि 30 जून 2016 में ख़त्म हो रही है । विपरीत इसके इसी ठेकेदार को दोबारा पूर्व उपनगर के कुर्ला, मानखुर्द-गोवंडी, देवनार, घाटकोपर, विक्रोली, कांजूर मार्ग व भांडुप आदि चार विभाग कार्यालय का काम दिया गया है । यह ठेका लगभग 15 से 22 करोड़ रुपये में दी गयी है । वहीँ दूसरी तरफ लैंडमार्क कंपनी को पांच काम दिए गए है । इस कंपनी को दिए गए सभी जगहों का लगभग 6.25 करोड़ रुपये का एक ही राशि है । जिसके कारण दिए गए ठेकों में मिलीभगत होने का स्पष्ट होता है । इस सभी ठेकेदारों ने तय राशि से लगभग 49 प्रतिशत तक बोली लगाई है । जबकि इन सभी ठेकेदारों ने प्रत्यक्ष रूप से लेनदेन में 30 प्रतिशत से कम कीमत करने से मना कर दिया है । जिसके कारण उन्हें उसी कीमत में ठेका दिया गया है । मनपा नियमानुसार निविदा में तीन ठेकेदार न होने से दोबारा निविदा मंगाया जाना चाहिए । किन्तु इसकी अनदेखी कर एक ही निविदा आने पर उसी ठेकेदार को ठेका दिया गया है । दोबारा निविदा मंगाने में होने वाली देरी से शौचालय के काम में देरी होगी जिससे स्वच्छ भारत अभियान की गति धीमी हो जायेगी ऐसा स्पष्ट कर मनपा आयुक्त अजोय मेहता ने निविदा मंगाने के बाद उन नियमों को रोक कर एक ठेकेदार को दो से अधिक काम देने का निर्णय लिया है । 

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