मनपा ने वर्ष २०१४ में ३५ प्रतिशत नागरीको की समस्या सुलझाया - प्रजा
मोहम्मद मुकीम शेख
मुंबई/सन २०१४ में मुंबई महानगर पालिका के आए हुए ६६ हजार ७४७ नागरीको के समस्या में से सिर्फ ़३५ प्रतिशत समस्या सुलझाया गया है. व ६३ प्रतिशत समस्याओ अभी तक समाधान नही कर पाई है.दूषित पानी, ड्रेनेज चोकअप कचरा उठाना इस तरह की अनेक समस्या ३ दिनो में सुलझाया जाना चाहिए था इसके बावजुद यह समस्या सुलझाने में पालिका को १७ दिन लगने की जानकारी प्रजा फौंडेशनके प्रकल्प संचालक मिलिंद म्हस्के ने दिया वह. प्रजा फौंडेशनकी श्वेतपत्रिका प्रसिद्ध करते हुए कह रहे थे. पालिका के इस तरह समस्या सुलझाए न जाने से मुंबईकर नागरिको के सेहत के लिए खतरनाक है. तथा इन समस्याओं का समाधान करने में सक्षम ना होने वाला मुंबई शहर वैश्विक स्तर का शहर वैâसे बनेगा इस तरह का सवाल म्हस्के ने किया है.
मुंबई के रास्तो के बारे में शिकायत बडे पैमाने पर कम हुयी है. २०१३ के तुलना २०१४ में ४८.३ प्रतिशत की कमी हुयी है. २०१४ में ड्रेनेज से संबंधीत २६.१ प्रतिशत की कमी आयी है. पानी की आपुर्ती से संबधित समस्याओं में २५.८ प्रतिशत की बढोत्तरी हुयी है । कचरा व्यवस्थापन समस्या ३२.८ प्रतिशत और बरसाती नाले की समस्या २९.६ प्रतिशत बढने की जानकारी म्हस्के ने दिया.नागरी प्रशासन में समस्या सुलझाने के लिए नगरसेवक उतने सक्रीय नही है . २२७ नगरसेवको ने २०१४ में प्रभाग समिति की बैठको में ९७० सवाल पुछे. उसमे ११प्रतिशत मतलब १०९ सवाल रास्ते और चौको का पुर्ननामकरण करने से संबंधित थे । २७ नगरसेवको ने २०१४ में एक भी सवाल नही पुछा। पालिका ने नागरीको के समस्या सुलझाने के लिए वेबसाईट बनाई है. पालिका को इस वेबसाईटका समस्या सुलझाने के लिए बेहतर इस्तेमाल करना चाहिए यह निताई मेहता ने कहा।
मोहम्मद मुकीम शेख
मुंबई/सन २०१४ में मुंबई महानगर पालिका के आए हुए ६६ हजार ७४७ नागरीको के समस्या में से सिर्फ ़३५ प्रतिशत समस्या सुलझाया गया है. व ६३ प्रतिशत समस्याओ अभी तक समाधान नही कर पाई है.दूषित पानी, ड्रेनेज चोकअप कचरा उठाना इस तरह की अनेक समस्या ३ दिनो में सुलझाया जाना चाहिए था इसके बावजुद यह समस्या सुलझाने में पालिका को १७ दिन लगने की जानकारी प्रजा फौंडेशनके प्रकल्प संचालक मिलिंद म्हस्के ने दिया वह. प्रजा फौंडेशनकी श्वेतपत्रिका प्रसिद्ध करते हुए कह रहे थे. पालिका के इस तरह समस्या सुलझाए न जाने से मुंबईकर नागरिको के सेहत के लिए खतरनाक है. तथा इन समस्याओं का समाधान करने में सक्षम ना होने वाला मुंबई शहर वैश्विक स्तर का शहर वैâसे बनेगा इस तरह का सवाल म्हस्के ने किया है.
मुंबई के रास्तो के बारे में शिकायत बडे पैमाने पर कम हुयी है. २०१३ के तुलना २०१४ में ४८.३ प्रतिशत की कमी हुयी है. २०१४ में ड्रेनेज से संबंधीत २६.१ प्रतिशत की कमी आयी है. पानी की आपुर्ती से संबधित समस्याओं में २५.८ प्रतिशत की बढोत्तरी हुयी है । कचरा व्यवस्थापन समस्या ३२.८ प्रतिशत और बरसाती नाले की समस्या २९.६ प्रतिशत बढने की जानकारी म्हस्के ने दिया.नागरी प्रशासन में समस्या सुलझाने के लिए नगरसेवक उतने सक्रीय नही है . २२७ नगरसेवको ने २०१४ में प्रभाग समिति की बैठको में ९७० सवाल पुछे. उसमे ११प्रतिशत मतलब १०९ सवाल रास्ते और चौको का पुर्ननामकरण करने से संबंधित थे । २७ नगरसेवको ने २०१४ में एक भी सवाल नही पुछा। पालिका ने नागरीको के समस्या सुलझाने के लिए वेबसाईट बनाई है. पालिका को इस वेबसाईटका समस्या सुलझाने के लिए बेहतर इस्तेमाल करना चाहिए यह निताई मेहता ने कहा।
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