मुंबई,हिन्दुस्तान की आवाज,मोहम्मद मुकीम शेख
मुंबई। मुंबई में महंगी गाडिय़ां चुराकर उसे फर्जी दस्तावेजों के सहारे बेचा जा रहा है। इसके साथ ही गाडिय़ां चुराकर कम दामों पर बेचनेवाला गिरोह भी यहां सक्रिय है। दोनों ही मामले में मुंबई पुलिस ने कार्रवाई न केवल संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है बल्कि कई शातिर वाहन चोरों को भी पकड़ा गया है। पुलिस ने इस गिरोह के पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। लेकिन इस मामले का मुख्य आरोपी अब भी फरार बतागया है। जिसकी तलाश पुलिस सरगर्मी से कर रही है। पुलिस को संशय है कि इस गोरखधंधे में आरटीओ के अधिकारी तथा कर्मचारियों की भी लिप्तता हो सकती है।
गिरफ्तार आरोपी फर्जी कागजपत्र की मदद से बैंक में गाड़ी के लोन के लिए अर्ज दिया करते थे। कुछ रक्कम भरकर गाड़ी लेते थे। फर्जी वाहन टीसी बुक के आधार से नंबरप्लेट बनाकर गाड़ी कम पैसे में ग्राहकों को बेचा करते थे। गाड़ी का पूरा पैसो भरने के बाद कागजपत्र देगें ऐसा कहकर ग्राहकों से कुछ पैसे ले लेते थे। उक्त गिरफ्तार गिरोह तकरीबन चाल साल से इल तरह की वारदातों को अंजाम दे रही है। साथ ही पुलिस ने संशय व्यक्त किया है कि इस प्रकरण में आरटीओ एजेंट और बैंक कर्मचारी भी शामिल है। गिरफ्तार आरोपियों के नाम अब्दुल शेख, नितीन राय, प्रभुसिंग राठोड़, सुरेश मोरे और गार्डन मिरकिटा है। गिरफ्तार आरोपियों के पास से पुलिस ने फर्जी वाहन टीसी बुक, बैंक के लोन पेपर, फर्जी झेरॉक्स पहचान पत्र आदि बरामद की है। गत 6 जनवरी को जुहू पुलिस स्टेशन के सहायक पुलिस निरीक्षक नंदकिशोर जाधव रात के समय गस्ती पर ते। इसी दौरान उन्हें एक ईनोवा गाड़ी संशय अवस्था में दिखाई दी। जिसके बाद गाड़ी को रोका और उसकी जांच-पड़ताल की तो उक्त फर्जी काजगपत्र बरामद हुए। इसके बाद गाड़ी चालक अब्दुल शेख को पुलिस ने हिरासत में लिया। पुलिस ने शेख से पूछताछ की। पूछताछ में शेख ने चार और आरोपियों के बारे में बताया। जिसके बाद चारों आरोपियों को मालाड और विर्लेपाले से गिरफ्तार किया गया। जांच के दौरान पुलिस ने एक प्राइवेट बैंक के मैनेजर से पूछताछ की। मैनेजर ने पूछताछ में बताया कि गाड़ी के लिए बैंक ने लोन दिया था। मामले की अधिक जांच के लिए पुलिस ने आरटीओ विभाग की मदद ली। पुलिस ने आरोपियों के पास से चोरी की चार गाडिय़ा बरामद की है। जिनकी किमत 34 लाख बताई गई है। गाडिय़ा बेचकर गिरफ्तार आरोपियों ने कुल 10 लाख रुपए कमाए थे।
मुंबई। मुंबई में महंगी गाडिय़ां चुराकर उसे फर्जी दस्तावेजों के सहारे बेचा जा रहा है। इसके साथ ही गाडिय़ां चुराकर कम दामों पर बेचनेवाला गिरोह भी यहां सक्रिय है। दोनों ही मामले में मुंबई पुलिस ने कार्रवाई न केवल संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है बल्कि कई शातिर वाहन चोरों को भी पकड़ा गया है। पुलिस ने इस गिरोह के पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। लेकिन इस मामले का मुख्य आरोपी अब भी फरार बतागया है। जिसकी तलाश पुलिस सरगर्मी से कर रही है। पुलिस को संशय है कि इस गोरखधंधे में आरटीओ के अधिकारी तथा कर्मचारियों की भी लिप्तता हो सकती है।
गिरफ्तार आरोपी फर्जी कागजपत्र की मदद से बैंक में गाड़ी के लोन के लिए अर्ज दिया करते थे। कुछ रक्कम भरकर गाड़ी लेते थे। फर्जी वाहन टीसी बुक के आधार से नंबरप्लेट बनाकर गाड़ी कम पैसे में ग्राहकों को बेचा करते थे। गाड़ी का पूरा पैसो भरने के बाद कागजपत्र देगें ऐसा कहकर ग्राहकों से कुछ पैसे ले लेते थे। उक्त गिरफ्तार गिरोह तकरीबन चाल साल से इल तरह की वारदातों को अंजाम दे रही है। साथ ही पुलिस ने संशय व्यक्त किया है कि इस प्रकरण में आरटीओ एजेंट और बैंक कर्मचारी भी शामिल है। गिरफ्तार आरोपियों के नाम अब्दुल शेख, नितीन राय, प्रभुसिंग राठोड़, सुरेश मोरे और गार्डन मिरकिटा है। गिरफ्तार आरोपियों के पास से पुलिस ने फर्जी वाहन टीसी बुक, बैंक के लोन पेपर, फर्जी झेरॉक्स पहचान पत्र आदि बरामद की है। गत 6 जनवरी को जुहू पुलिस स्टेशन के सहायक पुलिस निरीक्षक नंदकिशोर जाधव रात के समय गस्ती पर ते। इसी दौरान उन्हें एक ईनोवा गाड़ी संशय अवस्था में दिखाई दी। जिसके बाद गाड़ी को रोका और उसकी जांच-पड़ताल की तो उक्त फर्जी काजगपत्र बरामद हुए। इसके बाद गाड़ी चालक अब्दुल शेख को पुलिस ने हिरासत में लिया। पुलिस ने शेख से पूछताछ की। पूछताछ में शेख ने चार और आरोपियों के बारे में बताया। जिसके बाद चारों आरोपियों को मालाड और विर्लेपाले से गिरफ्तार किया गया। जांच के दौरान पुलिस ने एक प्राइवेट बैंक के मैनेजर से पूछताछ की। मैनेजर ने पूछताछ में बताया कि गाड़ी के लिए बैंक ने लोन दिया था। मामले की अधिक जांच के लिए पुलिस ने आरटीओ विभाग की मदद ली। पुलिस ने आरोपियों के पास से चोरी की चार गाडिय़ा बरामद की है। जिनकी किमत 34 लाख बताई गई है। गाडिय़ा बेचकर गिरफ्तार आरोपियों ने कुल 10 लाख रुपए कमाए थे।
Post a Comment
Blogger Facebook