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फेरीवाले २८ जनवरी को निकालेंगे मोर्चा

मुंबई,हिन्दुस्तान की आवाज,मोहम्मद मुकीम शेख

मुंबई । केंद्र सरकार द्वारा वर्ष २०१४ में फेरीवालों के सन्दर्भ में पॉलिसी तैयार की गई थी जिसके सन्दर्भ में राज्य सरकार ने मनपा से नियमवाली मांगी थी मनपा द्वारा फेरीवालों के लिए जो नियम बनाये गए है उसके अनुसार फेरीवालों को मुम्बई व महाराष्ट्र से हटाने का प्रयत्न किये जाने का आरोप मुंबई हॉकर्स यूनियन के अतिरिक्त महासचिव शशांक राव ने मनपा प्रशासन पर लगाया है ।

बता दे कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार केंद्र सरकार ने फेरीवालों के लिए वर्ष २०१४ में एक पॉलिसी तैयार की जिसे अमलीय रूप देने की जिम्मेदारी राज्य सरकार को दी गयी जिसे लेकर मनपा से नियमावली मांगी गयी थी । शशांक का कहना है कि फेरीवालों के संदर्भ में मनपा प्रशासन ने आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति बनाई है । इस समिति की ७ महीने के दौरान अब तक एक भी मीटिंग नहीं हुई है । साथ ही फेरीवालों के लिए मनपा द्वारा बनाये गए नियमों के अनुसार सरकारी कार्यालय जंक्शन रास्तों के मोड़ पर रेलवे व बस डेपो के बाहर दूकान और व्यावसायिक इमारत अस्पताल धार्मिक स्थान आदि स्थानों के ५० फुट के दायरे में फेरीवालों को बैठने पर पाबंदी लगाने का मसौदा तैयार किया गया है । जल्द ही विधिमंडल अधिवेशन में यह नियम मंजूर किया जाना है । इस नियम को मंजूर कर सरकार व मनपा फेरीवालों को हटाकर मुम्बई व महाराष्ट्र को फेरीवाला मुक्त बनाने का प्रयत्न किया जा रहा है । जिसके खिलाफ आगामी २८ जनवरी को आजाद मैदान में मोर्चा निकाले जाने की जानकारी शशांक ने दी । सर्वोच्च न्यायालय व केंद्र सरकार के अनुसार जनसँख्या के प्रमाण के आधार पर २.५ प्रतिशत फेरीवाले उस क्षेत्र में बैठ सकते है । मुंबई की जनसँख्या के आधार पर शहर में लगभग ३ लाख फेरीवाले बैठ सकते है लेकिन मनपा ने केवल ९९ हजार फेरीवालों को ही फॉर्म का वितरण किया है जिसमें से ४० से ४५ प्रतिशत फॉर्म बोगस होने से ३० से ३५ हजार लोगों को ही लायसेंस मिलने का राव ने स्पष्ट किया है मनपा ने फेरीवालों का सर्वे करने के दौरान कई गलतियां की है कई लोगों का सर्वे न किये जाने की जानकारी मनपा को दिए जाने के बाद भी मनपा द्वारा दोबारा सर्वे किये जाने की अनदेखी किये जाने का आरोप शशांक ने किया है ।









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