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नई दिल्ली। सीबीआई ने शनिवार को पूर्व दूरसंचार सचिव श्याम घोष और दो दूरसंचार प्रदाताओं के खिलाफ नई एफआईआर दर्ज कर ली। इसके बाद सीबीआई ने मुंबई में वोडाफोन और गु़डगांव में एयरटेल के दफ्तरों पर छापे मारे और तलाशी ली।
इन सभी के खिलाफ प्रमोद महाजन के दूरसंचार मंत्री के रूप में कार्यकाल के दौरान स्पेक्ट्रम आवंटन में कथित अनियतमितताओं के आरोप हैं। एजेंसी के मुताबिक, घोष के अलावा भारत संचार निगम लिमिटेड के पूर्व निदेशक जेआर गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि मामला दर्ज करने के फौरन बाद सीबीआई के दलों ने मुंबई में वोडाफोन दफ्तर, गु़डगांव में एयरटेल दफ्तर के अलावा घोष और गुप्ता के निवासों पर तलाशी ली। इन छापों पर प्रतिक्रिया देते हुए भारती एयरटेल के अधिकारियों ने बताया कि उसने कॉरपोरेट सुशासन और नियामन संबंधी गतिविधयों में हमेशा उच्चा मानक रखे हैं।
भारती एयरटेल के एक प्रवक्ता ने बताया कि हम बताना चाहते हैं कि हमें समय-समय पर अब तक जितने भी स्पेक्ट्रम आवंटित किए गए हैं, वे सरकार की नीतियों के अनुरूप हैं। हम अधिकारियों को सभी विवरण दे रहे हैं और इस मामले में जब जरूरत होगी, सहयोग करेंगे। सीबीआई ने महाजन के कार्यकाल के दौरान स्पेक्ट्रमों के कुछ कंपनियों को सीमा के बाहर आवंटन करने के मामले में जांच करने के लिए प्राथमिकी दर्ज करा दी है। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि दूरसंचार विभाग ने 2001 से 2003 के बीच महाजन के कार्यकाल के दौरान दूरसंचार कंपनियों के लिए बेस स्पेक्ट्रम 4.4 मेगाहट्र्ज से बढ़ाक 6.2 मेगाहट्र्ज कर दिया और कंपनियों को अतिरिक्त स्पेक्ट्रम आवंटन कर दिए। वोडाफोन ने कहा कि स्पेक्ट्रम आवंटन  जु़डे उनके सभी दस्तावेज सरकार के नियमों के अनुरूप है और कंपनी अधिकारियों के साथ सहयग कर रहे हैं।
कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि सीबीआई अधिकारी सुबह हमारे दिल्ली और मुंबई कार्यालय में आए थे और उन्होंने 2001-2002 के दौरान संचालकों को आवंटित स्पेक्ट्रमों के बारे में जानकारी मांगी। हमारे सभी दस्तावेज सरकारी नियम-कानूनों के अनुरूप हैं। उन्होंने कहा कि वोडाफोन इंडिया सीबीआई अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग कर रही है और हम उनकी जांच के दौरान उन्हें सभी जरूरी विवरण उपलब्ध कराएंगे।

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